अग्निपथ’ योजना के हिंसक विरोध प्रदर्शन मामले में 1000 से अधिक गिरफ्तारियां, बिहार शीर्ष पर रहा
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की भारतीय फौज में सैनिकों के भर्ती करने की योजना ‘अग्निपथ’ के विरुद्ध विरोध के लगातार मुखर हो रहे है और देश भर में राज्य पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। अब तक एक हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से ज्यादातर गिरफ्तारियां बिहार में हुई हैं। बिहार में, जहां जिलों में ट्रेनों को आग लगाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित हिंसा की सबसे बुरी घटनाएं हुईं, पुलिस ने 148 प्राथमिकी दर्ज की है और 805 लोगों को गिरफ्तार किया है।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि आंदोलन के नाम पर सार्वजनिक उपद्रव करने और सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, जिला पुलिस को उपद्रवियों को पकड़ने के लिए निर्देशित किया गया है। शनिवार को तारेगाना स्टेशन पर पथराव में संदिग्ध भूमिका के लिए मसौरी में चार कोचिंग संस्थानों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। पटना जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि शहर को हिंसा की आग में झोंकने के आरोप में 191 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तेलंगाना के सिकंदराबाद में, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें हिंसा में बाहरी लोगों की संलिप्तता नहीं मिली है। रेलवे के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संदीप सांडिल्य ने कहा, ‘इसमें किसी भी बाहरी असामाजिक तत्वों की संलिप्तता नहीं थी और हमले केवल सेना की नौकरी के इच्छुक लोगों द्वारा किए गए थे, जिन्हें कोचिंग संस्थानों के प्रमुखों ने गुमराह किया था। हिंसा के पीछे का संदिग्ध मास्टरमाइंड, एक कोचिंग संस्थान निदेशक, अब तेलंगाना पुलिस की हिरासत में है। उससे पूछताछ की जा रही है। सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हुए हिंसक हमलों और आगजनी के आरोप में कुल मिलाकर 46 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’ संदीप सांडिल्य ने कहा, ‘इन सभी को पिछले दो दिनों में गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हम रविवार को नई गिरफ्तारी नहीं कर सके, क्योंकि हम हिंसा में भाग लेने वाले और अधिक प्रदर्शनकारियों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं।’ उत्तर प्रदेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने कुल 387 गिरफ्तारियां की हैं। इनमें से 145 लोगों पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि 242 लोगों पर हिंसा और आगजनी से संबंधित मामले दर्ज किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि रविवार तक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने 34 प्राथमिकी दर्ज की हैं। पुलिस ने कहा कि अहमदाबाद में, अग्निपथ योजना के विरोध में बिना अनुमति के एकत्र होने के बाद 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। शहर के मेघानीनगर इलाके में एक जगह पर करीब 100 लोग जमा हो गए थे। उत्तराखंड में शुक्रवार को टोकोनिया चौराहा में नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के लिए पुलिस ने 300 से 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
नैनीताल पुलिस ने कहा कि युवा प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए, दुर्व्यवहार किया और पुलिस और राहगीरों के साथ हाथापाई की और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने कहा कि हल्द्वानी की सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और तीन पुलिसकर्मियों को टकराव में चोटें आईं। उन्होंने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। रविवार को भी धरना प्रदर्शन ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा, लेकिन लुधियाना में भर्ती योजना का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों ने लुधियाना थाने में तोड़फोड़ की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और करीब 8-10 लोगों को पकड़ा है। लुधियाना के संयुक्त पुलिस आयुक्त आरएस बराड़ ने कहा, कुछ लोगों ने युवाओं को फोन किया और उनका दुरुपयोग किया। हमारे पास वीडियो हैं और उनकी पहचान कर रहे हैं।