अब शहीद सैनिकों को मिलेगी 55 लाख रुपए की अनुग्रह राशि!
नईदिल्ली: अब कर्तव्यपथ पर शहीद होने वाले अग्निवीरों को भी पेंशन और अन्य सुविधाएं मिल सकती हैं। संसदीय समिति ने सैनिकों की तरह ही सभी अग्निवीरों को यह सुविधा देने की सिफारिश की है। अभी कोई होता है तो उसे सामान्य सैनिक की तरह पेंशन या फिर अन्य सुविधा लाभ नहीं दिए जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही समिति ने सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को भी 10 लाख रुपए किए जाने की सिफारिश की है। यह सिफारिश सभी वर्गो के लिए की गई है। समिति ने कहा है कि इसकी न्यूनतम राशि 35 और अधिकतम राशि 55 लाख रुपए होनी चाहिए।
क्या है अग्निवीर योजना?
रक्षा मंत्रालय ने जून 2022 में अग्निपथ सेवा (Agniveer Scheme) की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत तीनों सेनाओं में चार साल के लिए शामिल किया जा रहा था। रक्षा मंत्रालय का मकसद था कि सेना को युवा करना है। इसे में 17 से 21 साल के युवाओं को इसमें भर्ती किया जा रहा है। इसमें से मानक पर खरा उतरने वाले 25 फीसदी युवाओं को सेना में स्थाई रूप से रखा जा रहा है।
अभी इतनी मिलती है अनुग्रह राशि
हादसा, आतंकी हिंसा, असामाजिक तत्व के हमले में जान गवाने पर 25 लाख रुपए सीमा, आतंकी या समुद्री लुटेरों से मुठभेड़ में जान गंवाने वाले पर 35 लाख रुपए युद्ध में बलिदान होने वाले सैनिकों को 45 लाख रुपए
जानिए कौन होते हैं ‘अग्निवीर’
सरकार ने जून 2022 में, तीनों सेवाओं में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना शुरू की. इसमें साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है. इनमें से 25 प्रतिशत कर्मियों की सेवा आगे 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. इन कर्मियों को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है.
अनुग्रह राशि बढ़ाने की सिफारिश की
समिति ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को प्रत्येक श्रेणी में 10 लाख रुपये तक बढ़ाने की भी सिफारिश की. रक्षा मंत्रालय की ओर से समिति को बताया गया कि सैनिक की मृत्यु की विभिन्न श्रेणियों के लिए अनुग्रह राशि अलग-अलग होती है. कर्तव्य पालन के दौरान दुर्घटनाओं या आतंकवादियों, असामाजिक तत्वों की हिंसा के कारण मृत्यु होने पर 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है.
युद्ध में शहीद होने पर दिए जाते हैं 45 लाख
रिपोर्ट में बताया गया है कि सीमा पर होने वाली झड़पों और उग्रवादियों, आतंकवादियों, चरमपंथियों, समुद्री डाकुओं आदि के खिलाफ कार्रवाई में होने वाली मौत के मामले में 35 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है. इसके अलावा युद्ध में दुश्मन की कार्रवाई के दौरान मृत्यु होने पर मुआवजे के रूप में 45 लाख रुपये की राशि दी जाती है.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘समिति यह दोहराना चाहती है कि सरकार को उपरोक्त प्रत्येक श्रेणी में अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये तक बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. किसी भी श्रेणी के तहत न्यूनतम राशि 35 लाख रुपये और अधिकतम 55 लाख रुपये होगी.’