अयोध्या में फर्जी पहचान पत्र धारकों ने बढ़ाई प्रशासन की धड़कन, शुरू हुआ घर-घर सत्यापन!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अयोध्या में 11 नवंबर को प्रस्तावित दीपोत्सव व 22 जनवरी को श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में विराजमान भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देखते हुए पुलिस ने घर-घर सत्यापन शुरू कर दिया है। इस क्रम में मंदिरों-आश्रमों में भी साधु-संतों के नाम-पते का सत्यापन किया जा रहा है। अयोध्या के स्थानीय पते पर कूटरचित आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद अयोध्या की सुरक्षा नये सिरे से की जा रही है।फर्जी कागजात बनाने वाले गिरोह के गिरफ्तार तीन लोगों ने यह कुबूल करके प्रशासन की मुसीबत बढ़ा दिये हैं कि 100 से 150 लोगों के फर्जी कागजात बन गये हैं।
11 नवंबर को अयोध्या में प्रस्तावित दीपोत्सव कार्यक्रम और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर दिन-रात तैयारियां की जा रही हैं, वहीं आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए जिला पुलिस ने बड़े पैमाने पर सत्यापन का अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत अयोध्या धाम सहित पूरे जनपद में स्थानीय निवासियों, दुकानदारों, किराएदारों और मंदिर-आश्रम में रहने वाले साधु-संतों के नाम और पते का सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के पीछे मकसद है कि अयोध्या में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि न हो सके।पुलिस ने नोटिस जारी कर की अपीलअयोध्या कोतवाली पुलिस लोगों को एक नोटिस भी जारी कर रही है। इसमें अपील की गई है कि आगामी दिनों में दीपोत्सव, प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव और प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से मोबाइल नंबर के साथ नाम-पते का सत्यापन करा लें। यह भी अपील की है कि आने वाले दिनों में अगर उनके घर कोई मेहमान, रिश्तेदार या किराएदार, नौकर आता है तो तत्काल इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाने में दें। उसके नाम और पते का सत्यापन करायें।
आईजी अयोध्या जोन प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा सर्वोपरि है। अयोध्या में सुरक्षा के मद्देनजर स्थानीय नागरिकों के सत्यापन का अभियान समय-समय पर चलाया जाता रहा है। इस अभियान के माध्यम से सुनिश्चित करते हैं कि जिले में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति यहां का नागरिक है और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना हम तक आसानी से पहुंच सके। स्थानीय लोगों से भी इस बात की हमेशा अपील करते हैं कि सूचनाओं को हमसे से शेयर करें।सत्यापन की कार्रवाई इस उद्देश्य के साथ की जाती है कि अयोध्या की सुरक्षा सर्वोपरि है और गलत नाम पते के साथ कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अयोध्या में न रहे।