आईपीएल के बीच केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, ऑनलाइन गेमिंग को लेकर बनाए गए ये सख्त नियम
नई दिल्ली। इस आईपीएल के दौरान आप में से बहुत सारे लोग मैच देख भी रहे होंगे और ऑनलाइन गेम भी खेल रहे होंगे. जैसा कि ज्यादातर मोबाइल गेमिंग ऐप में होता है, आप टीम बनाते हैं, फिर कुछ पैसे देकर अपनी टीम की एंट्री एक स्लॉट में करते हैं. इस स्लॉट के विजेता को लाखों या करोड़ रुपये दिए जाने की बात कही जाती है. आपको नहीं पता रहता है कि आपकी टीम असली मैच में कैसा परफॉर्म करेगी. अपने चुने हुए खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस से आप जीतते या हारते हैं. लेकिन इसी खेल में एक अलग तरह का खेल खेला जाता है, इसे सट्टेबाजी कहते हैं. मोबाइल या ऑनलाइन गेमिंग के बहाने, आपको सट्टा खेलने का लालच दिया जाता है, फिर किसी वेबसाइट के जरिए आपको सट्टा खिलवाया जाता है.
सट्टेबाजी में आप, अपनी मेहनत की कमाई हारते हैं और किसी से शिकायत भी नहीं कर पाते. वजह ये है कि इस तरह की ऑनलाइन गेमिंग या सट्टेबाजी के ऑनलाइन अवतार के लिए किसी तरह के नियम नहीं थे. इसी वजह से कुछ ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां, लोगों को सट्टेबाजी के दलदल में फंसाने के नए-नए तरीके खोज रही थीं. अब इसको लेकर सरकार ने सख्ती दिखाई है. सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर कुछ खास नियम बनाए हैं. केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर की जाने वाली सट्टेबाजी को रोकने और जिस ऑनलाइन गेम से पैसा जुड़ा हुआ है, उसको लेकर खास नियम तैयार किए हैं.
नियम ही नहीं, सरकार ने फिल्मों के लिए बनाए सेंसर बोर्ड की तरह एक खास व्यवस्था बनाई है, जिसका काम है ऑनलाइन गेमिंग पर नजर रखना. ऑनलाइन गेमिंग पर होने वाली सट्टेबाजी और फ्रॉड को लेकर केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 के आईटी नियमों के तहत ऑनलाइन गेमिंग के लिए नियमों को नोटिफाई किया है. इसको Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code, Amendment Rules, 2023 नाम दिया गया है. ‘Game of chance’ यानी किस्मत पर पैसे जीतने या हारने वाले खेल को पूरी तरह से बंद करने के लिए एक खास कमेटी बनाने की बात कही गई है.
हर ऑनलाइन गेमिंग कंपनी इस नियम के तहत आएंगी. गेमिंग कंपनियों के लिए सरकार ने एक Self Regulatory Organisation बनाएगी. इस SRO में मनोचिकित्सक, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद और मोबाइल गेमिंग से जुड़े लोग होंगे. SRO एक ऐसी कमेटी होगी, जिसमें गेमिंग एप से जुड़े यूजर्स, शिकायतें भी कर सकेंगे और ये कमेटी उनका निवारण करेगी. ऑनलाइन गेमिंग के लिए बनाई गई Self Regulatory Organisation, एक तरह का सेंसर बोर्ड होगा. सारी गेमिंग कंपनियां अब इसी के रास्ते आगे बढ़ेंगी. SRO ही गेमिंग कंपनियों के लिए नियम तय करेंगे. इनमें कुछ तय भी कर दिए हैं, जिनकी सख्त जरूरत थी.
अब से ऐसे ऑनलाइन गेम, जिनमें यूजर्स से पैसा लिया जाता है, या कहें कि इस गेम से पैसा जुड़ा हुआ है, तो उसके लिए KYC कराना जरूरी होगा. ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को किसी भी गेम को लॉन्च करने से पहले SRO से अनुमति लेनी होगी. ऐसे ऑनलाइन गेम, जो किसी चीज के लिए पैसे लेते हैं, उन्हें भी KYC कराना होगा. गेमिंग ऐप पर सट्टेबाजी से जुड़े प्रचार चलाना भी नियमों का उल्लंघन माना गया है. अगर कोई गेम SRO से अनुमति नहीं लेगा, तो गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से उसे हटवा दिया जाएगा. सरकार ने गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर को यूजर्स के लिए हानिकारक गेमिंग एप को हटाने के लिए भी कहा है.
ऑनलाइन गेमिंग को लेकर केंद्र सरकार ने ये कदम करीब 40 करोड़ ऑनलाइन गेम यूजर्स के लिए उठाया है. इनमें कई ऐसे यूजर्स भी हैं, जिन्होंने ऑनलाइन गेमिंग के बहाने सट्टेबाजी के जाल में फंस गए होंगे, और अपना पैसा गंवाया होगा, यही नहीं वो इसकी शिकायत भी नहीं कर सके होंगे. यूजर्स ऐसी स्थिति में ना फंसे, इसीलिए सरकार ने SRO बनाया है. एक तरह से केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग में बिजी रहने वाले यूजर्स को सुरक्षित और सट्टेबाजी से बचाने के लिए गंभीर कदम उठाया है. इससे फायदा ये होगा कि ऐसे ऑनलाइन गेम, जो यूजर्स को गलत जानकारी देकर सट्टेबाजी करने का लालच देते हैं, उन्हें रोका जा सकेगा. दरअसल कई गेम्स में पैसा जुड़ा होता है. आप ऑनलाइन गेम के वॉलेट में पैसे डालकर रखते हैं ताकि गेम खेलने के दौरान उसका इस्तेमाल कर सकें.
नए नियम के तहत ऐसे ऑनलाइन गेम जिसमें जीत-हार पर बाजियां लगाई जाती हैं, उन गेम्स को इजाजत नहीं मिलेगी. ऐसे ऑनलाइन गेम जिसमें पैसा लगाया या कमाया जा रहा है, उनसे सरकार को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी चुनौतियां मिल रही हैं. इसीलिए सरकार इन प्रतिबंध लगाना चाहती है. SRO बनाकर केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर एक कानूनी व्यवस्था बना रही है, जिसपर एक्शन लिया जा सके. हमने आपको 31 मार्च को मोबाइल गेमिंग ऐप और वेबसाइट ‘महादेव बुक’ पर एक खबर दिखाई थी. इसमें हमने आपको बताया था कि ऑनलाइन गेम खिलवाने के नाम पर, ये गेमिंग कंपनी आपको सट्टा खिलवा रही थी. आपकी मेहनती की कमाई लूट रही थी. ये कंपनी दुबई से ऑपरेट हो रही थी और इस कंपनी के सट्टेबाजी देश में कई राज्यों में फैले हुए थे. एक यूजर ने ‘महादेव बुक’ मोबाइल गेमिंग एप के फ्रॉड की शिकायत पुलिस से की थी. जिसके बाद इस ऑनलाइन गेमिंग ऐप के सट्टेबाजी रैकेट का खुलासा हुआ था.
देश के करीब 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार हर साल बढ़ता जा रहा है. वर्ष 2022 में ऑनलाइन गेमिंग का पूरा बाजार करीब 23 हजार करोड़ रुपये का था. एक अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले वक्त में ये करीब दोगुने से ज्यादा हो जाएगा. आंकलन है कि वर्ष 2025 तक ऑनलाइन गेमिंग का पूरा बाजार करीब 41 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है.
यही वजह है कि ऑनलाइन गेमिंग के बाजार के लिए सरकार को ऐसे नियमों की जरूरत थी, जिनसे उनका गलत इस्तेमाल ना हो और उनसे यूजर्स प्रभावित ना हों. सरकार को चिंता ऐसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप से थी, जिनका इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए हो रहा था या फिर वो किसी ना किसी रूप में अवैध हैं. लेकिन क्या सरकार के कदम कामयाब होंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सरकार ने पिछले साल चीन का कनेक्शन सामने आने के बाद करीब 232 मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद इनमें से कई मोबाइल ऐप आज भी आपमें से कई लोगों के फोन में मौजूद होंगे.
वजह ये है कि इन मोबाइल ऐप्स को प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड नहीं किया है, आपने इनके MOD APP अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड किए होंगे. MOD APP यानी MODIFIED APP. ये MOD APP, दरअसल प्रतिबंधित मोबाइल ऐप्स की APK फाइल होती हैं. जो प्लेस स्टोर या ऐप स्टोर पर नहीं होतीं, बल्कि इंटरनेट पर उपलब्ध होती हैं. हम आपको इसके बारे में भी बताना चाहते हैं.