आईवीआरआई एकेडेमिक काउंसिल की 69वीं बैठक का आयोजन
बरेली , 21 मार्च। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में कल शैक्षणिक परिषद की 69वीं बैठक का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के छात्रों के लिए नये पाठ्यक्रम आयोजित करने तथा नयी शिक्षा नीति को लागू करने सहित विभिन्न प्रस्ताव रखे गये।
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने शैक्षणिक परिषद के सभी नये सदस्यों का स्वागत तथा पूर्व के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षणिक परिषद के पूर्व सदस्यों द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों का संस्थान ने पालन किया। उन्होंने कहा कि यह शैक्षणिक परिषद की बैठक बहुत महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है जहां पर हम अपनी भविष्य की योजनाओं बनाते हैं तथा पूर्व में चल रही योजनायें की मोनीटिरिंग करते हैं। डा. दत्त ने कहा कि हमारे सम-विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति को लागू किया है तथा भारत सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह समय बहुत महत्वपूर्ण है। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में हमारे विश्वविद्यालयों का भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
डा. त्रिवेणी दत्त ने संस्थान के सम-विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 में कुल 368 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है तथा बीवीएससी एण्ड एएच की सीटो को बढ़ाया है इसके अतिरिक्त मानव संसाधन विकास/कौशल निर्माण के तहत 1061 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न वोकेशनल कोर्स/सार्टिफिकेट तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया है तथा संस्थान में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास रूम बनाये गये हैं। डा. दत्त ने कहा कि संस्थान भविष्य में केन्द्रीय भैंस अनुसधांन संस्थान तथा राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के सहयोग से हिसार में एजुकेशन हब विकसित करने जा रहा है। इसके अतिरिक्त आईवीआरआई डीम्ड यूनिवर्सिटी को मेगा या वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विश्वविद्यालय में बदलने के लिए योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। डा. त्रिवेणी दत्त ने आगे बताया कि संस्थान ने विभिन्न औघोगिक घरानों के साथ इण्टरफेस मीट की है तथा अनुबन्ध किये जा रहे हैं जिससे हमारे छात्रों को इन उद्योगों के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर संस्थान के संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डा. एस.के. मेंदीरत्ता ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 तथा यूजीसी के दिशा निर्देशों को लागू करना सस्थान की प्राथमिकता है उन्होंने कहा कि दो एकेडमिक हब संस्थान के बंग्लूरू तथा हैदराबाद में बनाये गये हैं जहां एमवीएसी के 31 तथा पीएच.डी के 14 छात्रों ने प्रवेश लिया है इसके अतिरिक्त सम विश्वविद्यालय द्वारा एमबीए इन एग्रीकल्चर बिजनेस मैनेजमेंट, एमएससी इन एग्रीकल्चर इकोनोमिक्स तथा एग्रीकल्चर स्टेटिक्स के कार्यक्रम शुरू किये गये हैं।
इस अवसर पर भारतीय क़ृषि अनुसन्धान परिषद के पूर्व सहायक महानिदेशक डॉ ओ.पी. ढांडा तथा गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. अमरीश कुमार तथा कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग, छत्तीस गढ़़ के कुलपति डॉ आर आर वी सिंह तथा दुवाशु मथुरा के पूर्व डीन डा. पी.के. शुक्ला तथा केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर के निदेशक डा. अशोक कुमार तिवारी ने भी अपने विचार रखे तथा आईवीआरआई द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम का संचालन परीक्षा नियंत्रक डा. ज्ञानेन्द्र सिंह द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सम-विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री पी.के. जैन द्वारा दिया गया। इस अवसर पर संस्थान के संयुक्त निदेशक शोध, डा. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी संस्थान परिसरों के संयुक्त निदेशक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सुबोध नीरज सहित विभागाध्यक्ष प्रभारी अधिकारी मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट