आईवीआरआई में विश्व दुग्ध दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
बरेली,02 जून। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशालय (प्रसार शिक्षा) एवं पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कल संयुक्त रूप से विश्व दुग्ध दिवस का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत दूध से संबंधित पेंटिंग व रंगोली प्रतियोगिता, परंपरागत दूध उत्पाद बनाने की प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी, चित्र प्रश्नोत्तरी तथा दूध से संबंधित विभिन विषयों पर तात्कालिक भाषण का आयोजन किया गया ।
विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत करने हेतु संस्थान के एटिक सभागार में समारोह का भी आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा बरेली के दो वृद्धाश्रमों का भ्रमण किया और इन दोनों घरों के निवासियों को 75 लीटर दूध वितरित किया।
इस समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. एस. के. मेंदिरात्ता, संयुक्त निदेशक (शैक्षिणिक), भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान ने अपने संबोधन में दूध और दूध उत्पादों को दैनिक आहार में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अक आदमी को दिन भर में लगभग एक ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शारीर वजन के अनुसार लेने की जरुरत है यानि एक साठ किलो के वयस्क को एक दिन में 60 ग्राम प्रोटीन की जरुरत है एवं इसमें से लगभग 20 ग्राम प्रोटीन दूध, अंडे व मांस से होना चाहिए। अतः एक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 300 मिली लीटर दूध या इससे बने उत्पादों का सेवन करना चाहिए। उन्होंने सभा में उपस्थित विद्यार्थियों को भी दूध एवं दूध उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करने पर जोर दिया।
सभा में उपस्थित संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रूपसी तिवारी ने दूध के उत्पादन में हमारे देश के किसानों एवं उद्यमियों की सराहना करते हुए कहा कि हमारा देश दूध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है तथा विश्व के कुल दूध उत्पादन का 24% भारत द्वारा उत्पादित किया जाता है। उन्होंने दूध व उत्पादों के समुचित उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि दूध हमारे जन्म से बुढ़ापे तक एक महत्वपूर्ण खाद्य का श्रोत है और इसके समुचित उपयोग से आम आदमी तक इसे पहुचाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिमी देशों के मुकाबले हमारे देश में दूध प्रसंस्करण काफी कम होता है तथा हमें इस क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत में पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ . ए. आर. सेन ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ गीता चौहान के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट