Tuesday, December 24, 2024
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उत्तर प्रदेश

आजादी के 76 साल बाद मोबाइल नेटवर्क से जुड़ेेगा सोनभद्र का दूरस्थ गांव चौरा, जहाँ एक घंटे बाद सूर्योदय और एक घंटे पहले हो जाती है रात

सोनभद्र, चारों तरफ नैसर्गिक सुन्दरता को बिखेरे,हरियाली और पहाड़ों से घिरे लेकिन बुनियादी सुविधाओं के मामले में कमियों को झेलता और जनपद के शेष हिस्सों से कटा, सोनभद्र का एक ऐसा गांव,जहां एक घंटे बाद सूर्योदय और एक घंटे पहले रात हो जाती है, इतनी विशेषताओं को समेटे इस गांव के लिए कुछ सुखद पहल की आहट आने लगी है। पिछले दिनों यहां जिलाधिकारी के पहुंचने के बाद,जहां गांव में सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, बिजली को लेकर पहल की गई, वहीं आजादी के 76 साल बाद गांव को मोबाइल नेटवर्क से भी जोड़ने का काम तेजी से शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि विगत 16 जून को सोनभद्र पहुंचे सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को जिले के अंतिम छोर-आखिरी सीमा तक बुनियादी सुविधाओं और विशेष रूप से आदिवासी बहुल इलाकों के बाशिदों को वनाधिकार कानून का लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया था। इसी के क्रम में चारों तरफ पहाड़ों से घिरे, नैसर्गिकता को समेटे बिहार सीमा पर स्थित चौरा गांव में जिलाधिकारी का जाना हुआ था। पहली बार यहां पहुंचे जिलाधिकारी ने जहां सौ से अधिक आदिवासी परिवारों को वनाधिकार की सौगात दी, वहीं ग्रामीणों ने उनसे सड़क, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी सुविधाओं की मांग तो की ही वहीं फाइव जी के दौर में सामान्य मोबाइल नेटवर्क से दूर होने की शिकायत भी दर्ज कराई थी।
ग्रामीणों की आवश्यक मांग के बाद, जिलाधिकारी के निर्देश पर ग्राम पंचायत सचिव की वहां मौजूदगी होने लगी जिससे यहां पढ़ाई के लिए महज प्राइमरी कक्षा की ही सुविधा वाले गांव में आगे की पढ़ाई से वंचित 20 लड़कियों और आठ लड़कों को आगे की पढ़ाई हेतु व्यवस्था शुरू कर दिया गया। इनमें से कुछ लड़कियां ऐसी हैं, जिन्होंने कक्षा पांच की पढ़ाई के बाद दो से पांच साल तक पढ़ाई छोड़ रखी है।अब इनका बगल के गांव स्थित स्कूल में दाखिल कराया गया है। स्कूल तक पहुंचने में आसानी हो इसके लिए लड़कियों को साइकल सुविधा उपलब्ध कराया गया साथ ही प्राथमिक विद्यालय को उच्चीकृत करने के लिए फाइल शासन को भेज दी गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि रात में आस-पास की बस्ती में दिखती बिजली की रोशनी के बीच अंधेरे को जहां चौरा गांव के अधिकांश ग्रामीण अपनी नियति मान रखे थे,अब वहां बिजली तार खिंचने लगे हैं और विद्युत आपूर्ति भी शुरू हो गयी है। प्रशासन के अनुसार यहां का हर घर बिजली से रोशन नजर आएगा। यहां की वर्षों से ध्वस्त पड़ी सड़क निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी की तरफ से पहल शुरू कर दी गई है।
चौरा गांव को जो सबसे अच्छी सौगात मिली है वह मोबाइल कनेक्टिविटी, इससे गांव के लोगों का जुडाव बाहरी दुनिया से हो सकेगा। कनेक्टिंग इंडिया का स्लोगन को चरितार्थ करने हेतु बीएसएनएल ने यहां मोबाइल नेटवर्क की स्थापना का काम तेज कर दिया है। बताया गया कि टावर निर्माण करीब-करीब पूरा कर लिया गया है। जल्द ही मोबाइल नेटवर्क बहाल कर दी जाएगी। इसको लेकर ग्रामीणों में भी खासा उत्साह है।
जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने बताया कि चौरा गांव के ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम जारी है। मोबाइल टावर का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। जल्द ही यहां के ग्रामीणों को मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिलने लगेगी।

रवीन्द्र केसरी सोनभद्र

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