इनकम कम बताना है गैर कानूनी, विभाग लेता है सख्त एक्शन, जानिए कितनी लगती है पेनल्टी
नई दिल्ली. अगर आप भी टैक्सपेयर हैं तो ये खबर आपके काम की है. आपको बता दें कि टैक्स छिपाने या बचाने की कोई भी गलत कोशिश आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है. इनकम टैक्स विभाग पहले ही इससे जुड़ी चेतावनी दे चुका है. अगर कोई भी शख्स ऐसे काम में लिप्त पाया गया तो आईटी डिपार्टमेंट उससे जुर्माना वसूलेगा. टैक्स से जुड़ी फेराफेरी करने पर टैक्स से बचाई गई कुल रकम पर जुर्माना लगाया जा सकता है. कई बार एक करदाता आय को कम या गलत बताकर कर देयता को कम करने का प्रयास करता है तो ऐसे में धारा 270A के आधार पर करदाता को दंड के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा.
जान लीजिए आयकर अधिनियम के तहत, करदाता द्वारा की गई विभिन्न चूकों के लिए जुर्माना लगाया जाता है. सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान नहीं करने, टैक्स के भुगतान में डिफॉल्ट, इनकम रिटर्न भरने में डिफॉल्ट और अन्य पर पेनाल्टी के अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम की अंडररिपोर्टिंग और मिसरिपोर्टिंग के लिए पेनल्टी भी लगाता है.
आईटी विभाग के अनुसार, टैक्स से बचाई गई कुल रकम पर 50 से 200 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है. सेक्शन 270A के मुताबिक, अगर इनकम टैक्स रिटर्न में गलत जानकारी दी गई तो टैक्स देनदारी या छिपाई गई रकम पर 200 प्रतिशत जुर्माना लग सकता है. वहीं अगर कुछ अन्य कारणों की वजह से अलग इनकम कम बताई गई होगी तो देनदारी या छिपाई गई रकम पर 50 प्रतिशत जुर्माना होगा. इतना ही नहीं विभाग ने कहा है कि ऐसे टैक्सपेयर्स के एंप्लॉयर को भी इसकी जानकारी दी जाएगी कि उनके यहां काम करनेवाला शख्स गलत इनकम टैक्स रिटर्न भर रहा है.
गलत जानकारी देना या छिपाना
निवेश का सही रिकॉर्ड न दे पाना
कटौती को बढ़ा चढ़ाकर बताया पर प्रूफ नहीं दे पाना
अकाउंट बुक में कोई भी झूठी एंट्री
किसी अंतरराष्ट्रीय या किसी खास लेन देन का रेकॉर्ड छिपाना
आईटी विभाग ने आय को कम या गलत बताने के विभिन्न प्रावधानों और शर्तों को विस्तृत किया है और करदाता अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं.