इनकम टैक्स रिटर्नः नौकरी पेशा लोगों को अतिरिक्त कमाई की जानकारी छिपाना पड़ेगा भारी!, जान ले वरना…
नियमित वेतन के साथ ही अन्य माध्यमों से अतिरिक्त कमाई (मूनलाइटिंग) करने वाले नौकरीपेशा लोगों पर आयकर विभाग की पैनी नजर है। ऐसे लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में सभी स्रोतों से हुई आय की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। विभाग इस के मामलों में अलग-अलग जगहों से जानकारी इकट्ठा कर रहा है। साथ ही ऐसे लोगों के रिटर्न की भी सख्त स्क्रूटनी भी होगी ताकि किसी भी तरह से कर की चोरी न हो सके।
मामले से जुड़े अधिकारी का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था में अतिरिक्त कमाई करने वाले ऐसे लोग अपनी आमदनी को किसी भी तरह से सरकार से छुपा नहीं सकते हैं। मूनलाइटिंग के मामलों में कंपनी या वेंडर भुगतान करते समय टीडीएस काटते हैं। इसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाती है। ऐसे में विभाग के पास करदाता की इस अतिरिक्त कमाई की जानकारी मौजूद रहती है। इस स्थिति में मूनलाइटिंग से कमाई को किसी भी तरह छिपाया नहीं जा सकता है। यदि जानकारी नहीं देते हैं तो इसे कर की चोरी माना जाता है।
गड़बड़ी मिली तो आएगा नोटिस: मूनलाइटिंग के कई मामले सामने आने के बाद सरकार उन लोगों के रिटर्न की जांच करेगी, जिन्हें एक से ज्यादा माध्यमों में अचानक से बड़ी आय हुई होगी। अगर लोगों के टीडीएस कटौती और आयकर रिटर्न में गड़बड़ी पाई जाती है तो उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। इसके अलावा आयकर विभाग अपने पास मौजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा की जानकारी के आधार पर एकत्र जानकारियों का इस्तेमाल कर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है।
क्या होती है मूनलाइटिंग: नौकरी के अलावा अतिरिक्त कमाई के लिए अन्य संस्थान या कंपनी के लिए फ्रीलासिंग के तौर पर अलग से जो काम किया जाता है, उसे मूनलाइटिंग कहा जाता है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के ऐसा करने पर आपत्ति भी जताई है। आयकर विभाग ने उद्योग जगत से भी इस बारे में डाटा मांगा है।
कैसे तय होगा Tax: मूनलाइटिंग के लिए आयकर कानून में कोई विशेष प्रावधान नहीं है, लेकिन इसका ब्योरा अनिवार्य रूप से करदाता को देना होता है। अतिरिक्त आय पर कितना कर लगेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कमाई किस तरह की है। मतलब ये वेतन आय है, प्रोफेशनल फीस है या बिजनेस इनकम है। एक से अधिक स्रोत से हुई आय के लिए अलग-अलग आयकर रिटर्न फॉर्म हैं। कर की गणना भी प्राप्त आय के आधार पर होती है।
यह आईटीआर फॉर्म भरना होगा: मूनलाइटिंग से कमाई अगर वेतन के तौर पर मिल रही है तो इसे आईटीआर-1 फॉर्म में दिखाना होगा। अगर कुल कमाई 50 लाख रुपए से ज्यादा है और किसी तरह का पूंजीगत लाभ हुआ है तो आईटीआर-1 फॉर्म भरना होगा। इसी तरह, कारोबार या प्रोफेशनल फीस से हुई अतिरिक्त कमाई के मामलों में आईटीआर-3 या आईटीआर-4 फॉर्म का चुनाव करना होगा।
कोरोना काल के बाद बढ़ी मूनलाइटिंग: देश में कोरोना महामारी के दौरान मूनलाइटिंग का चलन काफी बढ़त में आया था। इस दौरान लोगों को एक से ज्यादा जगह काम करने के एवज में फीस का भुगतान हुआ था। ऐसे सभी लोगों के बारे में सरकार ने कंपनियों से जानकारी मांगी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को इसे लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी जो भी कमाई हुई है अगर वो सरकार से छुपा नहीं रहे हैं और उस पर पूरा कर दे रहे हैं तो बिना वजह परेशान नहीं किया जाएगा।