इन जगहों में दफ़न है कई खौफनाक राज़, जानिए इनके रहस्य…

नई दिल्ली: दुनिया में ऐसे कई राज़ हैं जो हमेशा रहस्य बनकर ही रह जाते हैं। उन पर यकीन करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि उनमें कोई तथ्य नहीं होता है। विश्वभर के विख्यात वैज्ञानिकों ने ऐसी ही रहस्यमयी जगहों पर खोज करने की कोशिश की है लेकिन कोई आज तक नहीं जान पाया है कि ऐसा क्यों है।

भारत में भी ऐसे कई गहन राज़ हैं जिसके पीछे की सच्चाई आज तक कोई नहीं जान सका, जैसे ताजमहल में कब्र पर पानी क्यों टपकता रहता है, वृन्दावन में क्या सचमुच कृष्ण रासलीला करने आते हैं? बिलकुल भारत की तरह दुनिया भर में ऐसी कई रहस्यमयी जगह हैं जिनके पीछे के राज़ आज तक कोई नहीं जान पाया है। आज आपको हम ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बतायेंगे।

जापान में एक छोटा-सा द्वीप है जिसे खरगोश द्वीप भी कहते हैं। यहां प्रति वर्ष 300 जंगली खरगोशों को देखने एक लाख लोग आते हैं। एक जापानी यात्री के मुताबिक ये खरगोश करीब 40 साल पहले पालतू खरगोशों के एक समूह से निकले थे। अब इन खरगोशों की जनसंख्या को कम होने से रोकने के लिए द्वीप पर बिल्लियों, कुत्तों समेत अन्य जानवरों का आना वर्जित कर दिया गया है।

इसी प्रकार ब्राज़ील में भी एक ऐसा स्थान है। दरअसल, इस स्थान पर रहने वाले लोगों को यह तक नहीं पता की वो जिस जंगले में रहते है उसके बाहर भी एक दुनिया है। फ्लोरिडा जो की ब्राज़ील की सबसे बड़ी जगह है, यह जगह फ्लोरिडा की आधी है। नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक इस जगह को विशेष रूप से घुसपैठ से संरक्षित रखा गया है। यह एक घने जंगल वाला इलाका है। कहा जाता है कि यहां रहने वाले लोग बाहरी दुनिया से पूरी तरह अंजान हैं। यहां रहने वाले 200 अज्ञात लोगों के अस्तित्व की पुष्टि भी साल 2011 में हुई थी।

ब्राज़ील में एक इलाहा दा क्यूइमादा नाम का द्वीप है जो पूरी तरह जानवरों द्वारा घिरा हुआ है. इस द्वीप को सांपो का द्वीप भी कहा जाता है। यह गोल्डनलांसहेड वाईपर नाम की सांपो की प्रजाति का घर है, ये सांप विश्व के सबसे ज़हरीले सांप होते हैं। इस द्वीप पर प्रति 3 फीट की दूरी पर 3 से 5 सांप आसानी से मिल जायेंगे। ब्राज़ील की सेना ने यहा आम जनता को आने से रोका हुआ है। यह जगह ऐसी क्यूँ है इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया।

यूक्रेन के चेरनोबिल में हुई परमाणु दुर्घटना को दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हादसा माना जाता है। यह हादसा साल 1986 को हुआ था। पहले ये स्थान करीब 49,000 निवासियों का घर था। इसके बाद यहां कुछ ऐसी घटनाएं होने लगीं जिसके बाद इस जगह को घोस्ट टाउन कहा जाने लगा। कहा जाता है कि जगह के खाली होने के बाद भी स्कूलों में पेड़ उगते हैं, पुस्तकालयों में किताबें पाई जाती हैं और गुड़िया अभी भी किंडरगार्टन फर्श में देखे जा सकते हैं। कहा जाता है कि इस घटना से पहले यहां एक लाख बच्चों के लिए 19 स्कूल थे। बड़ी संख्या में लोग इस दुर्घटना का शिकार हुए थे।

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