लखनऊ

एसआरएमएस कॉलेज आफ नर्सिंग में लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी सम्पन्न

बरेली , 16 जनवरी । श्रीराममूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ नर्सिंग में कल लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । इसमें जीएनएम के 17वें बैच के 64 और बीएससी नर्सिंग के छठे बैच के 60 विद्यार्थियों ने लेडी विद द लैंप नाम से विख्यात फ्लोरेंस नाइटिंगेल से प्रेरणा लेते हुए मानवसेवा की शपथ ली। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट की ओर से जीएनएम, बीएससी और एमएससी नर्सिंग के 17 मेधावी विद्यार्थियों को 3.70 लाख रूपये की स्कालरशिप प्रदान की गई। बरेली स्थित मिलिट्री हास्पिटल के कमांडेंट ब्रिगेडियर जसविंदर सिंह, एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी और ट्रस्ट सचिव आदित्य मूर्ति जी ने विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और उन्हें नर्सिंग में सफल होने के टिप्स दिये और मानवसेवा के लिए प्रेरित किया। समारोह में क्विज और पोस्टर मेकिंग कम्पटीशन में विजेता विद्यार्थियों को भी पुरस्कार प्रदान किया गया।

एसआरएमएस कालेज आफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलाजी एंड रिसर्च स्थित आडिटोरियम में लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन से हुआ। मुख्य अतिथि कमांडेंट ब्रिगेडियर जसविंदर सिंह ने अपने संबोधन में नर्सिंग के विद्यार्थियों और उनके परिजनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंसानियत की सेवा के इस प्रोफेशन को चुनना महान फैसला है। आप भाग्यशाली हैं कि ईश्वर ने आपको इस प्रोफेशन के जरिये समाजसेवा के लिए चुना है। मरीज को रोगमुक्त करने में डाक्टर का इलाज जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है नर्स की ओर से मिलने वाली सिम्पैथी। ब्रिगेडियर सिंह ने नर्सिंग में सफलता के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी नर्स को सिम्पैथी, एम्पैथी और स्किल काबिल बनाती हैं। उसका सतर्क और जागरूक रहना मरीजों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आईसीयू में मरीज की हालत पर रिएक्शन करने का समय 3-5 मिनट का ही होता है। इतना ही समय उसकी जान बचाने के लिए होता है। मरीज को बचा पाना नर्स की सतर्कता से ही संभव है। ऐसे में हमेशा सीखते रहें।

देवमूर्ति जी ने कहा कि नर्सिंग ही ऐसा प्रोफेशन है जहां 18 वर्ष की नर्स बुजुर्ग मरीज के लिए मां बन जाती है। बच्चे की तरह वह मरीज को दवाइयों खिलाने से लेकर उसका पूरा ध्यान रखती है। दिन भर में डाक्टर अपने मरीज से मुश्किल से 20-25 मिनट मिल पाता है, लेकिन बाकी समय नर्स उसके साथ होती है। नर्स की सेवा से ही मरीज बीमारी से लड़कर स्वस्थ होता है। देवमूर्ति जी ने एसआरएमएस ट्रस्ट द्वारा जी जाने वाली स्कालरशिप का जिक्र किया और आह्वान किया कि विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे नंबर लाकर अधिक से अधिक संख्या में स्कालरशिप हासिल करें और इस राशि से मां-बाप की मदद करें।

एसआरएमएस ट्रस्ट के सचिव आदित्य मूर्ति जी ने ओथ सेरेमनी में शामिल सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि नर्सिंग प्रोफेशन में सफलता के लिए इंसानियत, सेवाभाव और स्किल का होना बेहद जरूरी है। अस्पतालों में नर्स को सिस्टर जरूर कहा जाता है लेकिन आपका प्रोफेशन मां से कम नहीं। क्योंकि डाक्टर सिर्फ इलाज बताते हैं उनकी पूर्ति नर्स ही करती है और मरीज के स्वस्थ होने में 70 फीसद योगदान नर्स का ही होता है। उन्होंने अभिभावकों को भी भरोसा दिलाया कि आपके बच्चों का भविष्य एसआरएमएस में एकदम सुरक्षित है। एसआरएमएस ट्रस्ट के शैक्षिक संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां पढ़ाई के नाम पर सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता है बल्कि पहले दिन से ट्रेनिंग शुरू हो जाती है। जो जिंदगी भर विद्यार्थियों के काम आती है। इससे पहले एसआरएमएस कालेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल रिंटू चतुर्वेदी ने सभी का स्वागत किया और संस्थान के बारे की उपलब्धियों की जानकारी दी। चीफ मैटरन इलियम्मा वीजी ने नर्सिंग के क्षेत्र की विस्तृत जानकारी दी और विद्यार्थियों को इसका महत्व बताया। नर्सिंग कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल अनीश चंद्रन ने सभी अतिथियों का आभार जताया और धन्यवाद दिया।
इस मौके पर बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग और जेएनएम के विद्यार्थियों को 3.70 लाख हजार रूपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई। साथ ही वर्ड डायबिटीज डे पर हुए क्विज कम्पटीशन में संयुक्त रूप से प्रथम रहीं बीएससी थर्ड ईयर की रिया और प्रिया साहनी, सेकेंड इयर की निशा और काजल, वर्ड स्ट्रोक डे पर क्विज कम्पटीशन में पहले स्थान पर रही बीएससी थर्ड इयर की शिवानी त्रिवेदी और प्रिया साहनी, दूसरे स्थान पर रही बीएससी सेकेंड इयर की काजल कोरंगा और निशा को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इसके साथ ही पोस्टर मेकिंग कम्पटीशन के विजेताओं काजल कोरंगा (प्रथम) और सूरज सिंह रावल (द्वितीय), ह्यूमन राइट डे पर डिबेट कंपटीशन में विजेताओं जीएनएम तृतीय वर्ष के सौरभ (प्रथम), शहनूर (द्वितीय), सोनी सिंह (तृतीय), हैपेटाइटिस डे पर क्विज कंपटीशन में प्रथम स्थान पर रही बीएससी तृतीय वर्ष की हिमांशी और सोनी सिंह, ब्रेस्ट फीडिंग डे पर क्विज कंपटीशन में प्रथम रहीं बीएससी तृतीय वर्ष की इरम और जीएनएम तृतीय वर्ष की सोनी को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। इस मौके पर नर्सिंग के विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए।

लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी में जीएनएम और बीएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों को असिस्टेंट प्रोफेसर फराह खान ने मानवसेवा की शपथ दिलाई। इस मौके पर ट्रस्ट एडवाइजर इंजीनियर सुभाष मेहरा, मेडिकल कालेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. आरपी सिंह, वाइस प्रिंसिपल डा.एनके अरोरा, चीफ मेट्रन लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत) अलियम्मा, मेट्रन जॉय विलसन, सीईटी के डीन एकेडेमिक्स डा. प्रभाकर गुप्ता, ट्रेनिंग प्लेसमेंट एंड डेवलपमेंट सेल के निदेशक डा. अनुज कुमार, ला कालेज के निदेशक डा.नसीम अख्तर, प्रिंसिपल डा.मुकुट बिहारी लाल, सीईटीआर के प्रिंसिपल डा.एलएस मौर्य और समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।

बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट

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