उत्तर प्रदेश

एसआरएमएस रिद्धिमा में रूबरू थिएटर ग्रुप की ओर से नाटक “काया” का मंचन

बरेली,04 फरवरी । श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में कल नई दिल्ली के रूबरू थिएटर ग्रुप की ओर से नाटक “काया” का मंचन हुआ। विक्रम शर्मा लिखित और काजल सूरी निर्देशित “काया” में समाज में शिक्षा के महत्व को बताने के साथ महिलाओं के शिक्षित होने पर जोर दिया गया। क्योंकि शिक्षा ही कुप्रथाओं को तोड़ कर और गलत मानसिक विचार धारा को परिवर्तित करने का एकमात्र साधन है। शिक्षित महिलाएं इसके जरिये खुद सबल हो सकती हैं और अपने बच्चों और परिवार के जरिये शिक्षित समाज की नींव बन सकती हैं। काया की कहानी स्त्री उत्थान पर है, जहां एक असहाय विधवा अनपढ़ होने के बाद भी गांव की कुप्रथाओं से लड़ती है। अनेक विषम परिस्थितियों से गुजरते हुए अपना उत्थान करती है। फिर लौट कर उसी गांव में ऊंचे पद पर सम्मानित होने के बाद वहां स्त्री उत्थान केंद्र खोलती है। नाटक का मुख्य किरदार काया नाम की महिला है। शादी की रात ही पति विष्णु की हत्या हो जाने से काया विधवा हो जाती है। सास कलावती उसे बदकिस्मत मान कर घटना के लिए हमेशा कोसती है। गांव की महिला पुष्पा और दो विधवा लड़कियां बिंद्री और पुनिया उसे गांव की कुप्रथाओं की जानकारी देती हैं। लेकिन गांव वालों के डर से उसकी मदद नहीं करतीं। गांव का ही एक लड़का सोनू उसकी मदद करने का भरोसा देता है और उसे धोखा देकर गांव से दूर एक कोठे पर बेच देता है। कोठा चलाने वाली छन्नो जान और तल्खन काया के दर्द को समझती हैं और हमदर्दी देती हैं। कोठे पर आने वाला एक शिक्षक काया का गुरु बन उसे उसके दर्द से ऊपर उठने में मदद करता है। इन सभी घटनाक्रम के बीच काया का पति विष्णु एक साये की तरह उसका मार्ग दर्शन करता रहता है। बीच- बीच में दो आत्माएं उसकी स्थिति का वर्णन करती रहती हैं और शिक्षा व नारी उत्थान का वर्णन करती हैं। नाटक में काया की मुख्य भूमिका गुंजन ने निभाई। अपूर्व (विष्णु), जसकिरन चोपड़ा (कलावती और छन्नो जान), आशा खन्ना (पुष्पा), ओम चौधरी (सोनू), वर्षा (बिंद्री), तनिशा गांधी (पुनिया), सचिन (धर्मदास), सुजाता (तल्खन), कृष बब्बर और मंत्र भारद्वाज (बुरी आत्माएं) ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया। नाटक में संगीत स्पर्श राय ने दिया और मेकअप की जिम्मेदारी मुहम्मद राशिद ने निभाई। गीता सेठी, शुभम और दीपक मोरिया ने बैक स्टेज में रहकर नाटक में सपोर्ट किया। इस मौके पर ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, ऋचा मूर्ति जी, सुभाष मेहरा, डा. एमएस बुटोला, डा. निर्मल यादव, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार, डा. रीता शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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