ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान का साथ देने की सजा, तुर्की और अजरबैजान में 50% तक घटे भारतीय पर्यटक

नई दिल्ली । मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और उसके बाद भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) तनाव के चलते तुर्की और अजरबैजान (Türkiye and Azerbaijan) में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दोनों देशों द्वारा इस संघर्ष में पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के कारण भारत में इनके खिलाफ नाराजगी और बहिष्कार की भावना तेजी से बढ़ी, जिसका असर सीधा पर्यटन पर पड़ा। अजरबैजान में मई से अगस्त 2025 के बीच भारतीय पर्यटकों की संख्या में 56% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि तुर्की में यही गिरावट 33.3% रही।
इससे पहले, दोनों देशों में भारतीय यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही थी। 2024 में अजरबैजान में 2.44 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, जबकि तुर्की में 3.31 लाख। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद माहौल बदल गया। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद भारतीय ट्रैवल कंपनियों और पोर्टलों जैसे MakeMyTrip और EaseMyTrip ने तुर्की और अजरबैजान की यात्रा से बचने की सलाह दी। MakeMyTrip ने 14 मई को जारी एक बयान में कहा, “भारतीय यात्रियों में इस मुद्दे को लेकर गहरी भावनाएं देखी गई हैं। पिछले एक सप्ताह में अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60% की गिरावट आई है। कैंसिल करने वालों की संख्या में 250% बढ़ोतरी देखी गई। हम अपनी सेना के साथ एकजुटता में इन दोनों गंतव्यों के प्रचार और ऑफर को रोक चुके हैं।”

अजरबैजान में मई-अगस्त 2024 में लगभग 1 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे थे। मई-अगस्त 2025 में यह संख्या घटकर 44,000 हो गई। अगस्त 2024 में 21,137 और अगस्त 2025 में घटकर सिर्फ 6,032 हो गई। 2025 के पहले आठ महीनों में अजरबैजान आने वाले भारतीयों की संख्या 22% कम होकर 1.25 लाख रह गई।
तुर्की की बात करें तो मई-अगस्त 2024 में लगभग 1.36 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे थे। मई-अगस्त 2025 में इसकी संख्या घटकर 90,400 रह गई। जनवरी-अगस्त 2025 में कुल 1.74 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे। 2024 के मुकाबले 21% की गिरावट देखी गई। अजरबैजान और तुर्की द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होने का असर न केवल कूटनीतिक स्तर पर देखा गया, बल्कि इसका सीधा प्रभाव उनके पर्यटन उद्योग पर भी पड़ा है। भारत में अब इन देशों को लेकर जनभावना बदली है और इसके चलते ट्रैवल इंडस्ट्री ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो आने वाले महीनों में यह गिरावट और गहराने की संभावना है।

