कथाव्यास विमल चैतन्य जी महाराज ने योगेश्वर श्रीकृष्ण के बाल चरित्र और लीलाओं का किया भावात्मक वर्णन
सीतापुर। श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथाव्यास विमल चैतन्य जी महाराज ने योगेश्वर श्रीकृष्ण के बाल चरित्र और लीलाओं का बडा ही सुंदर एवं भावात्मक वर्णन किया। उन्होंने पूतना वध के अलावा कन्हैया के दर्शन के लिए भगवान भोलेनाथ के आगमन का प्रसंग भी भक्तों को सुनाया।
शहर के मोहल्ला इस्माइलपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में वृंदावन से पधारे नारद भक्ति आश्रम के पीठाधीश्वर विमल चैतन्य जी महाराज ने आज की कथा में श्रीकृष्ण के प्रति माता यशोदा के वात्सल्य का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब पूतना ने कपट वेश रखकर कन्हैया को विष भरे स्तन का पान कराकर मारने का षड्यंत्र रचा तो योगेश्वर श्रीकृष्ण ने किस तरह से उसका वध किया।
कथाव्यास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओ का साक्षात दर्शन करने के लिए भगवान भोलेनाथ ने किस तरह का जतन किया और फिर दोनों के मध्य किस प्रकार का मिलन हुआ। उन्होंने कहा कि कृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन अनन्त है। उसका जितना भी श्रवण करो, उतना ही पुण्य फल प्राप्त होता है। कथाव्यास ने नित्य की भांति नटवर नागर के भजन से कथा का शुभारंभ किया।
अंत मे कन्हैया को छप्पन भोग लगाते समय कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। कथा के सुंदर प्रसंगों और भजनों को सुनकर भक्त आनंदविभोर हो गये। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नेहा अवस्थी, भाजपा नेत्री जया सिंह, विकास हिन्दू, भगवती गुप्ता, संजय मिश्रा एवं उपेन्द्र शुक्ला उपस्थित रहे।