कहीं श्मशान घाट तो कहीं हाइवे पर गेंहू रखने को मजबूर किसान, सरकारी व्यवस्थाएं हुईं फेल
देश के अधिकतर राज्यों में गेहूं की खरीद चल रही है. इस बीच कई जगहों से अव्यवस्थाओं की तस्वीरें भी निकल कर सामने आ रही है. हरियाणा के रोहतक के मदीना अनाज मंडी से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. किसानों को अपनी गेहूं की उपज अनाज मंडी के बाहर रखनी पड़ रही है. अव्यवस्थाओं का आलम ये है किसान श्मशान घाट पर गेहूं रखने को मजबूर हो रहा है. वहीं, कई किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर गेहूं का ढेर लगाते देखा गया.
कांग्रेस के पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी के गांव मदीना की अनाज मंडी में जगह नहीं बची है. किसान अब श्मशान घाट पर अपनी उपज रख रहे हैं. सड़कों पर गेहूं के ढेर के चलते वह वन-वे हो गई है. किसानों का कहना है कि सरकार के दावों की पोल खुल चुकी है. सरकार ने जो भी सुविधा देने की बात कही थी, वह धरातल पर नजर नहीं आ रही है.
पहले ही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी. अब अव्यवस्थाओं के चलते किसानों को और नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों को मुर्दों के राखों के ढेर के बीच गेहूं डालना पड़ रहा है. इससे उनकी उपज की क्वॉलिटी पर भी फर्क पड़ रहा है.
किसानों का कहना है मजबूरी उनसे जो न कराए. सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए. अब हम अपनी उपज यहीं नीचे डालने को मजबूर हैं. गेहूं खरीदने वाले आढ़तिओं को मुताबिक सरकार ने गेहूं खरीद से पहले जो दावे किए थे, वह कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. मजबूरन किसानों को सड़क और श्मशान घाट पर गेहूं की उपज रखनी पड़ रही है. किसानों और आढ़तियों ने गेहूं खरीद के लिए बने ऑनलाइन पोर्टल पर भी सवाल उठाए हैं.