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किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंकों के चक्कर से मिलेगा छुटकारा, घर बैठे मोबाइल से हो जाएगा काम

नई दिल्ली। किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे हर किसान को पता है. जो किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ जानता है और जो इस कार्ड का लाभ नहीं जानता है, ये खबर सबके लिए है. देश के किसान इस कार्ड की मदद से बेहद कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं. इसके कई और फायदे भी हैं. इस खबर को पढ़ने के बाद वो किसान खुश हो जाएंगे जिनका बैंक अकाउंट यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक में है. दोनों ही बैंकों ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया और इस प्रोजेक्ट के तहत बैंकों ने किसानों को डिजिटल तरीके से केसीसी देना शुरू किया है. बैंको ने खेती की जमीन से जुड़े पेपर्स के सत्यापन के लिए बैंक शाखा में उपस्थिति की अनिवार्यता को खत्म करने का ऐलान किया है.

पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बैकों के डिजिटलीकरण पर जोर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट की शुरूआत रिजर्व बैंक ने की है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के हरदा जिले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके साथ ही फेडरल बैंक ने चेन्नई में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. यूनियन बैंक के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.

किसानों के इसका भरपूर लाभ मिलने की उम्मीद है. सरकार ने इस बात का पहले भी जिक्र किया है कि किसानों को बदलती टेक्नोलॉजी के साथ लेकर आगे बढ़ना है. पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत शुरू ऑनलाइन प्रक्रिया से अब किसान घर पर बैठे-बैठे मोबाइल से किसान क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके साथ ही ये प्रक्रिया किसानों के समय को बचाएगी और बैंकों में भीड़ भी कम होगी. जमीन के पेपर के सत्यापन के लिए किसानों को बैंक का चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. बैंक खुद खेती वाले जमीन के पेपर को ऑनलाइन वेरीफाई कर लेगा.

 

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