क्या दूध में भी होता है लंपी वायरस, जानिए एक्सपर्ट की सलाह ?
नई दिल्ली । देश ( India) में लगातार पशुओं में जानलेवा लंपी वायरस (lumpy virus) का संक्रमण फैलता जा रहा है। अब तक 10 राज्यों में ‘लंपी त्वचा रोग’ (Lumpy Skin Disease) के कारण 8 हजार से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है, हालांकि संक्रमण पर काबू पाने के लिए टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) तेज कर दिया गया है। आपको बता दें कि भारत के पूर्वी राज्यों, खासकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) में 2019 में एलएसडी (LSD) के मामले सामने आए थे, लेकिन इस साल पश्चिमी एवं उत्तरी राज्यों एवं अंडमान निकोबार में भी यह बीमारी सामने आई।
क्या गाय का दूध पीने से इंसान भी संक्रमित हो जाएगा?
संक्रमित गाय के दूध को पीने से क्या बच्चे या बड़े लोग भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं? इस बारे में बिहार के मुजफ्फरपुर के पीडियाट्रिशियन डॉ. अरुण शाह के मुताबिक आमतौर पर सभी घरों में गाय के दूध को लोग उबालकर पीते हैं। दूध के उबालने से उसमें मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया या वायरस खत्म हो जाते हैं. ऐसे में अगर लोग गाय के दूध को उबाल कर पीते हैं तो उससे खतरा होने की आशंका नहीं है। अगर किसी स्थिति में दूध उबाले बिना भी पीते हैं तो ये बच्चे या व्यक्ति की इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। अगर इम्यूनिटी बेहतर है तो वायरस से संक्रमित होने का खतरा नहीं है।
देश के कई राज्यों में अभी भी लंपी के लक्षणों को लेकर जागरूकता की कमी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को इस बीमारी को लेकर पैनिक नहीं होना चाहिए अगर अगर किसी गाय के शरीर पर गांठ निकल रही है या घाव हो रहा है तो इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को देनी चाहिए। सही समय पर गाय को आइसोटेलट करके अन्य मवेशियों को इस संक्रमण के खतरे से बचाया जा सकता है। गाय के दूध में मौजूद वायरस को खत्म भी किया जा सकता है। इसके लिए दूध को लंबे समय तक उबालना जरूरी होगा या फिर पाश्चराइजेशन के जरिए इस्तेमाल किए जाने वाला दूध किसी भी तरीके से नुकसानदायक नहीं होता है, क्योंकि इससे वायरस पूरी तरीके से नष्ट हो जाता है।
लंपी वायरस के संक्रमण को रोकने के संबंध में एक्सपर्ट मानते हैं कि इसका सिर्फ और कारगर उपाय संक्रमित जानवर को बाकी जानवरों से अलग करना ही हो सकता है, हालांकि संक्रमण की रफ्तार तेज है लेकिन मवेशी की मृत्यु की संभावना कम होती है। ऐसे में किसान और गौशाला कर्मियों को सबसे पहले संक्रमित गाय को बाकी जानवरों से अलग कर उन्हें उपचार देने की जरूरत है।
लंपी वायरस मवेशियों को होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसे कैपरी पॉक्स वायरस भी कहते हैं। मच्छर, मक्खियां, जूं और ततैया आदि कीट इस बीमारी के रोगवाहक के रूप में काम करते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि दूषित भोजन-पानी के सेवन से भी लंपी वायरस का संक्रमण फैलता है। इस वायरस से संक्रमित पशुओं की खाल पर गाठें पड़ जाती हैं फिर उनमें घाव हो जाते हैं। मवेशियों को बुखार आना, नाक बहना, अधिक लार बहना और आंख आना इसके अन्य लक्षण हैं. यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है।