खजुराहो फ़िल्म फेस्टिवल में शामिल हुए अग्रेजों के जमाने के जेलर असरानी, किया टपरा टॉकीज का उद्घाटन

खजुराहो फ़िल्म फेस्टिवल में मशहूर फ़िल्म अभिनेता असरानी ने टपरा टॉकीज का रिबन काटकर उद्घाटन किया। अपनी कॉमिक टाइमिंग, और एक्टिंग के लिए मशहूर अभिनेता असरानी ने फिल्म शोले के जेलर के अलावा एक से बढ़कर एक आइकॉनिक रोल किए हैं।

9वें खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में टपरा टॉकीज के शुभारंभ के बाद असरानी ने मीडियकर्मियों और विद्यार्थियों के साथ बात कर अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि वो फिल्म महोत्सव में शामिल हुए हैं और ये उनके लिए बहुत ही सम्मान की बात है। अभिनेता ने कहा कि फ़िल्म समाज का दर्पण है, समाज की वास्तविकता ही फिल्मों में दिखायी जाती है। वर्तमान फिल्मों में परिहास नहीं है, जिंदगी ही परिहास बन गई है।

अपने अनुभव साझा करते हुए असरानी ने बताया कि फिल्म अलाप में उनके कैरेक्टर को टांगे वाले का रोल करते हुए गाना गाना था, जो किशोर कुमार गाने वाले थे लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण उनको मौका मिला और गाना काफी हिट हुआ और इसके लिए असरानी को काफी सराहना मिली। पर्सनैलिटी को मेंटेन करने को लेकर उन्होंने बताया कि योगा जरूरी है। जब 1963 में उन्होंने फ़िल्म इंस्टिट्यूट जॉइन किया तब उसमे दो घंटे योगा कम्पल्सरी था और इसी कारण वो एनर्जेटिक बने हुए हैं।

इस प्रेस कांफ्रेंस को विजय कश्यप ने भी संबोधित किया और पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने खजुराहो में सिनेमा हॉल ना होने पर सरकार को ध्यान देने और संज्ञान लेने का अनुरोध किया। फ़िल्म फेस्टिवल के लिए थिएटर होना आवश्यक है। उन्होंने फ़िल्म को एक सामाजिक विधा बताया। कांफ्रेंस में रेखा ख़ान, सुरेश शर्मा, फ्रेंच एक्टर मैरियाने बॉर्गो, फ़िल्म मेकर सूरज रैना आदि भी मौजूद रहे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित समारोह में मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म, रेडिको, एलआईसी, हुडको, एलटी फाउंडेशन पीआर 24×7 का समर्थन भी प्राप्त है।

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