गौशालाओं को दी जायेगी 1100 करोड़ रूपये की सहायता
जयपुर। राजस्थान गौसंरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम-2016 के तहत गठित निधि के अन्तर्गत प्राप्त राजस्व में से गौशालाओं में आश्रय पा रहे गोवंश हेतु 1100 करोड रूपये की सहायता दी जायेगी। यह जानकारी देते हुए गोपालन विभाग के निदेशक डॉ. लाल सिंह ने बताया कि स्टाम्प ड्यूटी व मदिरा पर बिक्री कर लगाये जाने के फलस्वरूप निधि में प्राप्त राशि में से यह सहायता राशि दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम किश्त के रूप में जारी 358 करोड़ रूपये की राशि में से 180 करोड़ रूपये का भुगतान गौशालाओं को किया जा चुका है। शेष गौशालाओं को भुगतान की कार्यवाही जारी है। डॉ. सिंह ने बताया कि माह अप्रेल से जुलाई 2022 की सहायता राशि के भुगतान हेतु ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की पात्र गौशालाओं में गौवंश के भरण पोषण हेतु वर्ष में अधिकतम 180 दिवसों की सहायता राशि नियमानुसार 90-90 दिवस के दो चरणों में दिये जाने का प्रावधान है। बडे़ गोवंश हेतु 40 रुपए तथा छोटे गोवंश हेतु 20 रुपए प्रतिदिन प्रति गोवंश की दर से अनुदान दिया जा रहा है।
गोपालन निदेशक ने बताया कि बायोगैस, गौशाला विकास योजना, जिला व पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशालाओं पर 727 करोड़ रूपये का व्यय किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 1.56 करोड़ रूपये के अनुदान से प्रत्येक ब्लाक में नन्दी शालाएं खोली जा रही हैं, जिससे बेसहारा गोवंश को आश्रय मिलेगा।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में गौशालाओें को भरण-पोषण हेतु 565.48 करोड़ राशि की सहायता दी गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 624.80 करोड़ की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई तथा चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रथम किश्त के रूप में 358.00 करोड़ की सहायता राशि जारी की जा चुकी है।
डॉ. लाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में की गई घोषणा अनुरूप अब वर्ष में 6 की जगह 9 महीने गौशालाओं को सरकारी अनुदान मिलेगा, जिससे गौशालाओं को संबल मिलेगा। उन्होंने बताया कि गौवंश का संवर्द्धन करने, गौशालाएं खोलने में आने वाली सभी प्रकार की प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने व गोचर भूमि का संरक्षण करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।