चक्रवाती तूफान रेमल का पश्चिम बंगाल-ओडिशा समेत कई राज्यों पर पड़ेगा असर, जानिए IMD ने क्या कहा?
नई दिल्ली (New Delhi) । भीषण चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) में तब्दील हो चुके ‘रेमल’ (Remal) ने रविवार रात बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल (Bangladesh and West Bengal) के तटों पर दस्तक दे दी है। इसके चलते जमकर तबाही की खबरें हैं। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD का कहना है कि सोमवार सुबह तक तूफान कमजोर पड़ सकता है और चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। कहा जा रहा है कि तूफान का असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत कई राज्यों पर पड़ सकता है।
IMD का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर रेमल 13 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बीते 6 घंटों में उत्तर की तरफ बढ़ गया है…। मौसम विभाग ने जानकारी दी, ‘सिस्टम कुछ और समय के लिए उत्तर की ओर बढ़ना जारी रखेगा और इसके बाद उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ेगा और कमजोर पड़कर 27 मई 2024 की सुबह तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा।’
ये राज्य होंगे ज्यादा प्रभावित
मौसम विभाग ने सोमवार तक के लिए पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। साथ ही असम व मेघालय में भी अत्यधिक बारिश की आशंका जताई गई है। मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के लिए सोमवार व मंगलवार के लिए भारी बारिश का अनुमान है। त्रिपुरा में भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है।
2 दिन रह सकता है असर
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा के अलावा पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश व भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। इन राज्यों में तूफान का असर अगले दो दिनों तक रह सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेमल से निपटने और तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने अफसरों से सभी एहतियाती कदम समय से उठाने के निर्देश दिए।
एक रिपोर्ट के अनुसार रेमल के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश के तटीय इलाकों में इसके पहुंचने पर ऊंची तूफानी लहरों के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया। तूफान की तीव्रता को देखते हुए बंगाल के मौसम कार्यालय ने रविवार को ही मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी।
बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया। तटवर्ती जिलों में कमजोर संरचनाओं, बिजली एवं संचार लाइन, कच्ची सड़कों, फसलों व बगीचों को भारी नुकसान की चेतावनी भी जारी की गई। प्रभावित इलाकों में लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई। नौसेना के साथ स्वास्थ्यकर्मियों को मुस्तैद कर दिया गया है।
रेल-हवाई सेवा ठप, सड़क मार्ग पर भी असर
पूर्वी व दक्षिण पूर्वी रेलवे ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण व उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले में दर्जनों ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी है। लंबी दूरी की ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित कर दिया। इससे सुबह 9:30 बजे तक की घरेलू व अंतरराष्ट्रीय 394 उड़ानें प्रभावित होंगी। कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर भी रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल एवं कंटेनर प्रबंधन परिचालन रोक दिया गया। बंगाल के कई हिस्सों में रविवार सुबह से ही बारिश के चलते सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ।
बढ़ती गर्मी से तीव्र हो रहे तूफान
वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की सतह के गर्म तापमान के कारण चक्रवाती तूफान तेजी से तीव्र हो रहे हैं और लंबे समय तक अपनी ताकत बरकरार रख रहे हैं। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पाई के अनुसार समुद्र की सतह के गर्म होने का मतलब अधिक नमी है। यह चक्रवातों के तीव्र होने के लिए अनुकूल है। रेमल इस बार के मॉनसून से पहले बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है।