चाणक्य के अनुसार ऐसे करें सच्चे मित्र की पहचान
चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ एक कुश अर्थशस्त्री भी थे! उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है! चाणक्य नीतियां वर्तमान वक्त में भी बेहद कारगर हैं! चाणक्य नीतियों में मानव समाज से जुड़ी हर समस्या का समाधान मौजूद है! यही वजह है कि चाणक्य नीति आज भी लोकप्रिय है! चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है! आइए जानते हैं कि क्या कहती है आज की चाणक्य नीति-
सच्चा मित्र: आज के समय में मित्र तो बहुत मिलते हैं लेकिन सच्चा मित्र मुश्किल से ही मिलता है! सच्चा मित्र वही है जो सही मार्ग दिखाएं! उसके सुख-दुख को अपना समझे! समय आने पर मित्र का सही मार्ग दर्शन करे! उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे! जो मित्र गलत कामों में साथ दें, गलत करने पर टोके नहीं ऐसे मित्र किसी दुश्मन से कम नहीं हैं! यह मित्रता नहीं है!
दूसरों की पीड़ा पर खुश नहीं होना चाहिए: दूसरों की पीड़ा को जो अपनी पीड़ा समझता है ऐसे व्यक्ति समाज में सदा ही सम्मान पाते हैं! जो दूसरों की पीड़ा पर प्रसन्न होते हैं ऐसे व्यक्ति मुसीबत के समय अपने आप को अकेला पाते हैं! व्यक्ति को सदा ही मैत्री भाव से दूसरों से मिलना जुलना चाहिए! जो ऐसा करते हैं उन पर ईश्वर की भी कृपा बनी रहती है!
घंमड करने वाला व्यक्ति रहता है परेशान: जो व्यक्ति अपने पद और धन पर घंमड करता है! वह व्यक्ति कभी दूसरों से सम्मान नहीं पाता है! पद और धन कभी स्थाई नहीं रहता है! ये आता और जाता रहता है! जब व्यक्ति से पद छिन जाता है और धन चला जाता है तो व्यक्ति अकेला रह जाता है! पद और धन होने पर जिनका उसने तिरस्कार किया वहीं व्यक्ति बुरे दिनों में घमंड करने वाले व्यक्ति का तिरस्कार कर देते हैं!
सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए: व्यक्ति को कभी संकुचित होकर नहीं रहना चाहिए! व्यक्ति को हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए! जो व्यक्ति हर पल और हर किसी से कुछ न कुछ सीखने के लिए तैयार रहता है ऐसे व्यक्ति कुशल होते हैं फिर चाहें वे किसी भी क्षेत्र में सक्रिय रहते हों! सीखने की ललक उन्हें कुशलता के लिए प्रेरित करती है!