‘जंतर-मंतर आएं और हमारा मार्गदर्शन करें’, महिला पहलवानों ने स्मृति ईरानी को लिखा पत्र
23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को आज 24 दिन पूरे हो गए हैं. अब महिला पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर न्याय के लिए मदद मांगी है. पहलवान संघर्ष समिति (WRESTLERS SANGHARSH SAMITI) ने अपने पत्र में लिखा, ”हम महिला पहलवानों का भारत के पहलवान महासंघ के अध्यक्ष द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया है. महासंघ के अपने लंबे समय तक अध्यक्ष रहने के दौरान उनके द्वारा कई बार पहलवानों का यौन शोषण किया गया. कई बार पहलवानों ने आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन उसकी (बृजभूषण सिंह) ताकत ने पहलवानों का भविष्य बर्बाद कर दिया.”
पत्र में आगे लिखा गया है, ”न्याय की तो बात ही छोड़िए, अब जब पानी नाक से ऊपर उठ गया, तो हमारे पास महिला पहलवानों की गरिमा के लिए लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा. हमने अपने जीवन और खेल को एक तरफ रख दिया है और अपनी गरिमा के लिए लड़ने का फैसला किया है. हम पिछले 20 दिनों से जंतर-मंतर पर न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हमारे अनुसार उनकी (बृजभूषण सिंह) ताकत ने न केवल प्रशासन की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी बल्कि हमारी सरकार को बहरा और अंधा बना दिया हैै.”
महिला पहलवानों ने स्मृति को आगे लिखा है कि सत्तारूढ़ दल की संसद की एक महिला सदस्य होने के नाते हमें आपसे बहुत उम्मीदें हैं और आपसे हमारी मदद करने का अनुरोध करती हैं. कृपया न्याय के लिए हमारी आवाज बनें और हमारी गरिमा को बचाएं. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि आप हमारा मार्गदर्शन करने के लिए जंतर-मंतर पहुंचने के लिए कुछ समय निकाल सकती हैं.
बता दें कि धरने पर बैठे पहलवानों की लड़ाई अब बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर पहुंच गई है. पहलवान ऐलान कर चुके हैं कि यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता, उनका धरना जारी रहेगा. जंतर मंतर पर चल रहे पहलवानों के समर्थन में किसान संगठन और खाप भी खुलकर मैदान में आ गए हैं.
धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में किसानों के जंतर मंतर पहुंचने का सिलसिला जारी है. 8 मई को भी पंजाब से बड़ी संख्या में किसान पहलवानों का समर्थन करने के लिए जंतर मंतर पहुंचे. जंतर मंतर पर किसानों के जमावड़े को लेकर दिल्ली पुलिस जहां अलर्ट है. पहलवान भी सतर्कता बरत रहे हैं. पहलवानों की ओर से मंच से शांति बनाए रखने की अपील भी की गई है.
गौरतलब है कि पहलवान, खाप और किसानों ने एक दिन पहले ही सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी. पहलवानों, किसानों और खाप पंचायतों ने एक दिन पहले सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था. पहलवानों, किसानों और खाप ने चेतावनी दी थी कि बृजभूषण शरण सिंह को 21 मई तक गिरफ्तार नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
दरअसल, डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद 23 अप्रैल को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस को भी बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तब जाकर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था.
छेड़छाड़ मामले में पुलिस सभी 7 शिकायतकर्ता रेसलर्स के बयान दर्ज कर चुकी है. इसमें ये बात भी सामने आई है कि किसी भी पहलवान को ये नहीं याद है कि किस तारीख को उनके साथ छेड़छाड़ हुई थी. इस मामले में पहलवानों को एक बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब हरियाणा सरकार ने विवाद से किनारा कर लिया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि दबाव बनाने के बजाय समस्या को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है.
दरअसल, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौनशोषण के आरोप लगे हैं. इसके बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं जंतर-मंतर पर जुटे पहलवान चाहते हैं कि इस मामले में बृजभूषण की गिरफ्तारी होनी चाहिए. बृजभूषण लगातार इस मामले में सफाई दे रहे हैं. वह कई वीडियोज जारी कर खुद को इस मामले में बेगुनाह बता चुके हैं.
18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों का ये विवाद सामने आया था. जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान इकट्ठा हुए थे. उस दिन शाम 4 बजे कुश्ती खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे.