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जब दुपट्टा किलर ने फैला दी थी दहशत, 16 लड़कियों को बनाया शिकार, बनाया शिकार; 14 साल तक नहीं पकड़ पाई पुलिस

गोवा| देश में अगर सीरियल किलर का जिक्र होता है तो गोवा के महानंद नाइक का नाम जरूर आता है। यह ऐसा शातिर अपराधी था जिसने 14 साल में 16 लड़कियों को अपने जाल में फंसाया, रेप किया, गहने लूटे और हत्या भी करदी। इसके बावजूद वह पुलिस के चंगुल से दूर रहा। सोने के गहनों को बैचकर ऐश करता रहा। गौर करने वाली बात यह भी है कि वह पहले से शादीशुदा था। उसकी पत्नी केंद्र सरकार में कर्मचारी थीं। उसकी चार साल की बेटी भी थी।

महानंद ने सबसे पहले गुलाबी गांवकर को शिकार बनाया। वह 30 साल की थी। गुलाबी सिलाई का काम करता थीं। वहीं महानंद ऑटोरिक्शा स्टैंड पर काम करता था। जब गुलाबी की लाश मिली तो लोगों ने बताया कि एक दाढ़ा वाला आदमी उससे रोज मिलता था। महानंद को गिरफ्तार किया गया। लेकिन दूसरे ड्राइवरों ने कह दिया कि जब गुलाबी गायब हुई तो वह स्टैंड पर ही था। इसी वजह से उसे छोड़ भी दिया गया। किसी ने यह नहीं देखा कि वह दोपहर के वक्त जब ज्यादातर लोग सो रहे थे, तभी हत्या को अंजाम दे गया था। गुलाबी की हत्या के मामले में जब महानंद बच गया तो उसके हौसले और बढ़ गए। इसके बाद तो अगले 15 साल में वह 16 लड़कियों को शिकार बना बैठा।

यह सीरियल किलर बेहद चालाक था। ऑटोरिक्शा चलता था और ऐसी लड़कियां ढूंढता था जो कि गरीब हों। जिनको सही मैच ना मिल रहा है। वह बस शेल्टर, मार्केट और इंडस्ट्रियल एस्टेट में ऐसी लड़कियों की तलाश में रहता था। वह 20 से 35 साल के बीच की लड़कियों को शिकार बनाता था। उसकी तीसरी शिकार 19 साल की वसंदी गौड़े थीं। वह पोंडा की रहने वाली एक गरीब लड़की थी। महानंद ने उसे 50 हजार रुपये देने का वादा किया। इसके बाद वसंती को सुनसान जगह पर ले गया। इसके बाद वसंती की लाश तक नहीं मिली। यह घठना 11 सितंबर 1995 की थी।

महानंद को 21 अप्रैल 2009 को गिरफ्तार किया था. उसने ही बताया था कि वह खुद को बिजनसमैन बताता था। वह अलग-अलग महिलाओं के लिए अपने अलग नाम का इस्तेमाल करता था। जैसे कि गुलाबी के लिए गोविंद, योगिता के लिए योगेश। कई बार वह लड़कियों से कहता था कि उसके पिता चाहते हैं कि वो दुल्हन बने। लेकिन जब तक मां और बहन से नहीं मिल लेती तब तक चुप रहा। इसके बाद वह कहता था कि गहने पहनकर मेरे घऱ आ जाना जहां अपने परिवार से मिलवाएगा। ववह अकसर दोस्ती की शुरुआत आईसक्रीम खिलाने से करता था।

जब लड़की उसके घर पर आती थी तो वह सारे गहने लूट लेता था। रेप करता था और फिर हत्या कर देता था। उसने गुलाबी का सिर पत्थर से कुचल दिया था। बाकी लड़कियों को उन्हीं के दुपट्टे, सारी या फिर स्टॉल से गला घोंटकर मारा था। यह लिस् बहुत लंबी है। इसमें गोलाबी गांवकर, दर्शना नाइक, वसंती गौडे. सुनीत गांवकर, अंजनी गांवकर, भागी सतारकर, शकुंतला कौथानकर, सूरत गांवकर, दीपाली जोटकर, भागू उपासकर, निर्मला घाड़ी. केसर नाइक, सुशीला फटापेकर, निर्मला अमोलकर, नयन गांवक और योगिता नाइक का नाम है।

लूट और हत्या के बाद वह जूलरी बेचने के लिए एक सोनार के पास जाता था। वह कहता था कि परिवार में कोई काफी बीमार है इसलिए गहने बेच रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि इतने साल तक पुलिस उसे पकड़ क्यों नहीं पाई। दरअसल वह गरीब लड़कियों को ही शिकार बनाता था। जो कि ना तो अच्छा वकील कर पाते थे और ना ही पुलिस पर दबाव बना पाते थे। तीसरे मर्डर और चौथे मर्डर के बीच आठ साल का अंतर था। उसने 1995 के बाद 2003 में मर्डर किया। 2005 में तीन, 2006 में एक, 2007 में पांच और 2008 में तीन मर्डर किए। अप्रैल 2009 में आखिरी मर्डर किया जिसके बाद पकड़ा गया।

14 जनवरी 2009 को योगिता नाइक लापता हो गईं। 80 हजार को गहने लूट लिए गए। बाद में उनका शव एक काजू के बागान में मिला। यह केस भी भुला दिया जाता लेकिन पोंडा पुलिस स्टेशन में नए इंस्पेक्टर चेतन पाटिल आए थे। उन्हें यह केस दिया गया। उन्होंने पता लगाया कि योगिता को किसने कॉल किया था। पता चला कि यह एक छात्र का नंबर था जिससे फोन आया था। बाद में पुलिस ने पता लगाया कि वह फोन खो गया था । एक दिन जब फोन चालू था तो पुलिस ने छापा डाला। 15 साल की लड़की के पास से फोन बरामद हुआ। उसके साथ भी महानंद ने रेप किया था। महानंद ने कहा कि योगिता फोन उसे 500 रुपये में बेचकर बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई थी।

महानंद 54 साल का है और 14 साल की जेल काट चुका है। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। पकड़े जाने के बाद भीड़ ने उसके घर को भी आग के हवाले कर दिया। अब भी दो केस में मर्डर साबित हुआ है और बाकी की सुनवाई चल रही है।

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