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त्योहारी सीजन में स्थानीय उत्पाद खरीदने पर जोर दिया प्रधानमंत्री मोदी ने

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी त्योहारी हारी सीजन को देखते हुए लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी करने पर जोर दिया है। श्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात की 105वीं कड़ी में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस गाँधी जयंती के अवसर पर खादी का कोई ना कोई उत्पाद ज़रूर ख़रीदें।

उन्होंने कहा कि देश में त्योहारों का मौसम भी शुरू हो चुका है। सभी के घर में भी कुछ नया खरीदने की योजना बन रही होगी। कोई इस इंतजार में होगा कि नवरात्र के समय वो अपना शुभ काम शुरू करेगा। उमंग, उत्साह के इस वातावरण में वोकल फार लोकल का मंत्र भी जरुर याद रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ” जहां तक संभव हो, आप भारत में बने सामानों की खरीदारी करें, भारतीय उत्पाद का उपयोग करें और भारत में निर्मित सामान का ही उपहार दें। आपकी छोटी सी कोशिश किसी दूसरे के परिवार की बहुत बड़ी ख़ुशी का कारण बनेगी। आप जो भारतीय सामान खरीदेंगे, उसका सीधा फ़ायदा, हमारे श्रमिकों, कामगारों, शिल्पकारों और अन्य विश्वकर्मा भाई-बहनों को मिलेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल तो बहुत सारे स्टार्टअप भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं। आप स्थानीय चीजें खरीदेंगे तो इन युवाओं को भी फ़ायदा होगा।

मन की बात में जर्मनी की कैसमी को मिली जगह

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में जर्मनी की एक लड़की कैसमी का उल्लेख किया, जो भारतीय संगीत गायन में पारंगत है।
श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपनी मासिक कार्यक्रम की 105 वीं में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब वैश्विक हो चुका है। दुनियाभर के लोगों का इनसे लगाव दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने जर्मनी की एक लड़की कैसमी का ऑडियो क्लिप सुनवाया और कहा, ” इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए न।

कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं। अगर मैं ये बताऊँ कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे। इस बिटिया का नाम – कैसमी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी की रहने वाली 21 वर्षीय कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वह भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही प्रेरणादायक है। कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती है, लेकिन ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई।‌ संगीत और रचनात्मकता को लेकर उनकी रुचि कुछ ऐसी थी कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया।

श्री मोदी ने बताया कि भारतीय संगीत से कैसमी का परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ। भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। वह कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं। संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं। प्रधानमंत्री ने कैसमी की कन्नड़ और संस्कृत में गीत भी सुनवाया।

उन्होंने कहा, ” भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ। उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है।”

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