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दिग्गजों की ‘तपस्या बेकार’, कांग्रेस में राज्यसभा को लेकर क्यों मच गई रार

नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही पार्टी में एक बार फिर असंतोष की लहर पैदा हो गई है। पार्टी ने कई दिग्गज और लंबे समय से उच्च सदन में जाने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं को दरकिनार करते हुए राहुल-प्रियंका के वफादारों पर भरोसा जताया है। सबसे अधिक असंतोष राजस्थान और छत्तीसगढ़ को लेकर है, जहां सभी प्रत्याशी ‘बाहरी’ हैं। राजस्थान से कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट किया, पार्टी को बताना होगा कि राजस्थान का कोई उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया गया। राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने जहां अपनी तपस्या में कुछ कमी रह जाने की बात कहते हुए सवाल खड़ा किया है तो नगमा ने भी खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि 18 साल की तपस्या बेकार चली गई

किसे कहां से दिया टिकट?
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को प्रत्याशी बनाया है। राजस्थान से रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी उम्मीदवार होंगे। हरियाणा से अजय माकन और मध्यप्रदेश से विवेक तनखा, तमिलनाडु से पी. चिदंबरम, कर्नाटक से जयराम रमेश, महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी उम्मीदवार होंगे।

राहुल-प्रियंका की चली, इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट से बवाल
राजनीतिक जानकारों की मानें तो राज्यसभा के लिए टिकट बंटवारे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबियों को तरजीह दी गई है। कांग्रेस के कई ऐसे दिग्गज और सीनियर नेताओं को निराशा हाथ लगी, जो पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी बताए जाते हैं। इसके अलावा हाल के समय में पार्टी में सुधारों की बात करने वाले कई वरिष्ठ नेताओं को भी किनारे कर दिया गया है। एक तरफ जहां पार्टी के लिए लंबे समय से काम करने वाले कई नेता टिकट पाने से वंचित रह गए तो वहीं प्रियंका गांधी के करीबी कहे जाने वाले इमरान प्रतापगढ़ी का नाम सूची में देखकर सभी हैरान रह गए।

तपस्या में कमी रह गई: पवन खेड़ा
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने पर सार्वजनिक रूप से अपनी निराशा जाहिर की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।’ मीडिया में उनके असंतोष की चर्चा के बीच सोमवार सुबह उन्होंने एक और ट्वीट करके खुद को पार्टी के प्रति निष्ठावान बताने की कोशिश की। उन्होंने लिखा, ”मुझे पहचान कांग्रेस ने दी है। मैं अपनी इस बात से सहमत भी हूं और इस पर अडिग भी हूं।”

नगमा का भी दर्द जाहिर
पवन खेड़ा के ही ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए महिला कांग्रेस की महासचिव नगमा ने लिखा, ”हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान भाई के आगे।” नगमा ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी ने उनसे वादा भी किया था। उन्होंने लिखा, ”कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने 2003/04 में पार्टी जॉइन करते समय व्यक्तिगत रूप से मुझसे वादा किया था कि राज्यसभा भेजा जाएगा। तब से 18 साल हो गए, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला। इमरान को महाराष्ट्र से राज्यसभा भेज दिया गया, मैं पूछती हूं क्या मैं कम योग्य हूं।”

प्रमोद कृष्णम ने औरों की तपस्या का दिलाया ध्यान
पवन खेड़ा और नगमा अपनी तपस्या के बेकार जाने पर दुख जताया तो कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आजाद जैसे नेताओं का भी ध्यान दिलाया जो पार्टी के लिए चार दशक से काम कर रहे हैं। प्रमोद कृष्णम ने लिखा, ”सलमान खुर्शीद तारिक अनवर और आजाद साहब की तपस्या तो 40 साल की है, वो भी शहीद हो गए।”

 

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