दुनिया में एक ऐसा देश जहां चलता है श्री राम का नोट, नहीं जानते होंगे 99 % लोग देश का नाम
लखनऊ: भगवान श्री राम भारत में ही नहीं वरन् पूरी दुनिया में पूजे जाते है.पुरषोत्तम भगवान श्री राम को कृष्ण का अवतार माना जाता है.अन्याय के विरुद्ध उन्होंने लड़ाई की और पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया.भगवान राम ने अपनी सम्पूर्ण जिन्दगी सच्चाई के लिए बीता दी.भागवत गीता ओर पुराणों के अनुसार भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था.उनके पिता का नाम राजाg को जीतने वाले ब्राह्मण क्षत्रिय परशुराम की पुत्री थी.अपने पुत्री के विवाह के लिए उन्होंने विवाह का आयोजन किया था.भगवान राम ने अपने शौर्य से परशुराम से उनके बेटी का हाथ मांगा.भगवान राम का विवाह होने के बाद वो अपने घर आ गए थे.भगवान राम ने अपनी माता और पिता के के आदेश को पालन करते हुए 14 साल का बनवास में चले गए उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सीता और उनका भाई लक्ष्मण के साथ बनवास धारण हो गए.
भगवान राम ने दुनिया में अन्याय के प्रतीक रावण को मार दिया और सबको खुशियां से भर दी.भगवान राम ने 14 साल के बनवास के बाद वापस जब अयोध्या में आए तब पूरी अयोध्या वासियों ने दिया जलाए ओर खुशियां मनाई.दुनिया में इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है.भगवान राम को मानने वाले पूरी दुनिया में है.भारत ही नहीं दुनिया में कहीं ऐसे देश भी है जो भगवान राम की फोटो वाली नोट चलते है.यूरोपीय देश नीदरलैंड की बात कर रहे है.नीदरलैंड एक ईसाई देश है वहां हिन्दू देश नहीं है.लेकिन वह भगवान राम से प्यार अधिक है.भगवान राम के नोट में उनका फोटो की छप्पा है.यह नोट अक्टुबर 2002 में महर्षि महेश योगी जी अक्टुबर साल 2002 में नीदरलैंड में कि थी.कहा जा रहा है जब उन्होंने इस नोट की शुरुआत की तो पूरे लोगो में क्रेज आ गया.एक राम नोट की कीमत 800 रुपए के बराबर है.
स्वामी महर्षि महेश योगी भारत में महान स्वामी है.महर्षि महेश योगी का जन्म 12जन्म 1919को हुआ था.महेश जोशी ने फिजिक्स से ग्रेजुएट किया ओर अपने जीवन को भगवान के नाम पर न्योछावर कर दिया था.उन्होंने अपने जिन्दगी में भगवान राम के जीवन का परिचय से करवाने में बीता दी.शंकराचार्य स्वामी को अपना गुरु मानकर उन्होंने दीक्षा ली.महर्षि महेश योगी ने 13 साल तक अध्यात्म ओर धर्म ज्ञान की पढ़ाई की.उन्होने संतान धर्म को अच्छे से पढ़ा ओर लोगो को संदेश दिया.