दैनिक आहार में श्री अन्नों के प्रयोग के प्रति बच्चों को जागरूक करेंगे गुरूजन
सीतापुर। उ.प्र. मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम 2023-24 के अर्न्तगत स्कूल कैरीकुलम के माध्यम से अध्यापकों का प्रशिक्षण कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें जनपद के समस्त विकास खण्डों से अध्यापकों एवं कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।
वरिष्ठ प्राविधिक सहायक वर्ग-ए राम निवास वर्मा द्वारा बताया गया कि मिलेट्स में भरपूर मात्र में पोषक तत्व पाये जाते जिनसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही मिलेट्स के उत्पादन में लागत भी बहुत कम आती है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. दया शंकर श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित अध्यापकों को मिलेट्स (श्री अन्न) से बने उत्पादों के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि डाइट प्लान के अनुसार स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है सतरंगी थाल। श्री श्रीवास्तव द्वारा बताया कि मिलेट्स फसलें यथा ज्वार, बाजार, रागी, काकुन, कोदो, चेना, मंडुआ, सावां, रामदाना, कुट्टू आदि में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, जिंक, आयरन, ओमेगा-3, कैल्सियम, फासफोरस आदि शरीर के लिये आवश्यक पोषक तत्व पाये जाते है। इनसे बनने वाले उत्पाद यथा बाजरा बिस्कुट, बाजरा उपमा, ज्वार समोसा, पास्ता, ज्वार बूंदी, कोदो पुलाव, इडली, कुटकी एवं सावां खीर, सावां पैन केक, कंगनी बिरियानी, सावां फ्राइड राइस, सावां कटलेट आदि को अपने दैनिक आहार में प्रयोग कर सकते है।
उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि बच्चे अगली पीढ़ी का भविष्य होते हैै जिनके सर्वांगीण विकास में अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उपस्थित अध्यापकों से अपील कि बच्चों को मिलेटस श्री अन्न में उपलब्ध पोषक तत्वों के बारे में जागरूक करें।। मिलेटस से निर्मित आहार में कुपोषण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।
जनपद के ओजोन फार्मर फ्रोड्यूसर क.लि. खैराबाद द्वारा मिलेट्स से निर्मित कुकीज का स्वाद उपस्थित अध्यापकों द्वारा सराहा गया।
जिलाधिकारी अनुज सिंह द्वारा उपस्थित अध्यापकों को मिलेट्स के बारे में बताते हुये कहा कि विद्यालयों में बनने वाले मिड-डे मील में मिलेट्स एवं सहजन का प्रयोग करें जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो सके।
मुख्य विकास अधिकारी अक्षत वर्मा द्वारा अवगत कराया कि जनपद में मिलेट्स से सम्बन्धित उद्योगों के सृजन की बहुत अधिक सम्भावनायें होती हैं। उन्होंने उपस्थित अध्यापकों से अपील की कि आप लोग सीधे बच्चों से जुड़े है, जिससे समाज में मिलेट्स की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में बताते हुये आहार में शामिल करायें।