नहीं जानते होंगे तुलसी की माला के इतने चमत्कार, इस विधि से धारण करने से घर से कभी नहीं जाती मां लक्ष्मी
हिंदू धर्म में तुलसी की माला का भी उतना ही महत्व बताया गया है, जितना तुलसी के पौधे का महत्व है. कहते हैं कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने से घर में मां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है. घर का माहौल पवित्र बना रहता है. तुलसी की माला का भी इतना ही महत्व है. कहते हैं कि भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप अगर तुलसी की माला से किया जाए, वे जल्द प्रसन्न होते हैं.
वहीं, ज्योतिष शास्त्र में तुलसी की माला धारण करने की भी बात की गई है. कहते हैं कि तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. और व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. ऐसे में तुलसी की माला धारण करते समय या जाप करते समय कुछ नियमों का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जानें तुलसी की माला के लाभ के फायदे.
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में तुलसी का पौधा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. ऐसे में तुलसी की माला को धारण करना भी व्यक्ति के लिए शुभ माना जाता है. इसे धारण करने से बच्चों के मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
2. शास्त्रों में तुलसी की माला धारण करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि तुलसी की माला को गंगाजल से शुद्ध करके ही धारण करें.
3. ऐसी भी मान्यता है कि तुलसी की माला धारण करने से ग्रहों को मजबूती मिलती है. कहते हैं कि अगर आपकी कुंडली में बुध और गुरु कमजोर है, तो तुलसी की माला धारण करने से फायदा मिलता है.
4. तुलसी की माला धारण करने से मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में तुलसी की माला धारण करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है.
5. शास्त्रों के अनुसार तुलसी की माला धारण करने के बाद व्यक्ति को मांस-मदिका का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान सिर्फ सात्विक भोजन की ग्रहण करें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा बरसाती हैं.
6. मान्यता है कि एक बार तुलसी की माला धारण करने से इसे गलती से भी अपने शरीर से अलग नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
7. शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी की माला अगर आप जाप करते हैं तो उस माला को गलती से भी धारण नहीं करना चाहिए. पहनने वाली माला और धारण करने वाली माला बिल्कुल अलग-अलग होती है.
8. जिस तुलसी की माला से आप जाप करते हैं, हमेशा ही उसी माला से करना चाहिए. ऐसा नहीं है कभी किसी माला से जाप करें और कभी किसी माला से.