नौकरी छोड़ बेकार नारियल खोल से बर्तन बनाकर शुरू कर दिया बिज़नेस,देश-विदेश में हो रहा नाम
जहां दुनिया में लोग जॉब पाने के लिए पागलों की तरह कंपनियों के चक्कर काटते हैं.अच्छी नौकरी के लिए दर-दर भटकते हैं, वहीं केरल के त्रिशूर की रहने वाली मारिया कुरियाकोस अच्छी खासी नौकरी छोड़कर अपना खुद का बिजनेस करने लगी.बचपन से ही उनका सपना था कि वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें. हालांकि उन्होंने तब कभी सोचा भी नहीं था कि वह Thenga Coconut Shell Product जैसी कोई चीज़ बनाएंगी और यही उनका बिज़नेस बन जायेगा.आज मारिया ना सिर्फ खुद एक सफल बिजनेसवुमन है बल्कि लोगों के लिए एक आदर्श भी हैं.
नौकरी छोड़ खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा
केरल के त्रिशूर की रहनेवाली मारिया कुरियाकोस मुंबई में नौकरी करती थीं, लेकिन साल 2019 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। दरअसल, बचपन से ही उनका सपना था कि वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें. हालांकि उन्होंने तब कभी सोचा भी नहीं था कि वह Thenga Coconut Shell Product जैसी कोई चीज़ बनाएंगी और यही उनका बिज़नेस बन जायेगा.
नारियल तेल मिल से मिली प्रेरणा
त्रिशूर में एक नारियल तेल मिल में वीज़िट से, उन्हें अपने व्यवसाय के लिए ज़रूरी प्रेरणा मिली। मारिया ने कहा, “नारियल अनेक गुणों वाला फल है, जिसके हर हिस्से का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, मिल में मैंने देखा कि नारियल के शेल (नारियल के बाहर का कड़ा हिस्सा) को फेंका जा रहा था।”
इस पर शोध करने के बाद, उन्हें समझ आया कि कुछ व्यवसाय चारकोल बनाने के लिए नारियल के बाहरी हिस्से का प्रयोग करते हैं. इसके अलावा, ईंधन के रूप में जलाए जाते भी हैं. मारिया ने बताया, “काफी पहले, केरल के आसपास के कई कारीगर नारियल के खोल का इस्तेमाल खाना परोसने वाली कड़छी बनाने के लिए किया करते थे. पर आज, इन उत्पादों की कीमत और इसे बनानेवाले कारीगर दोनों ही बहुत कम हो गए हैं.”
बेकार पड़ी चीज़ों से कमाई
साल 2019 में, मारिया ने जब एक बार नारियल-खोल आधारित उत्पादों को बेचने का फैसला कर लिया, तब उन्होंने इससे उपयोगी सामान बनानेवाले कारीगरों और विशेषज्ञों से बात की। उन्होंने कुछ महीने यह समझने में बिताए कि नारियल के खोल कैसे छांटे गए और इससे अंतिम उत्पाद कैसे बनाया गया। मारिया ने कहा, “मैंने सीखा कि नारियल के छिलके से उत्पाद बनाने के लिए, कुछ मशीनों की ज़रूरत होगी। ताकि खोल के बाहरी और भीतरी हिस्सों को चिकना करके साफ किया जा सके.”
पिता की मदद से बिजनेस शुरू किया
हालांकि, वह सिर्फ ट्रायल करने के लिए बहुत मंहगी मशीनें नहीं खरीदना चाहती थीं। तब उनके 65 वर्षीय पिता कुरियाकोस वरू मदद के लिए आगे आए. एक रिटायर्ड मेकेनिकल इंजीनियर होने के नाते, उन्हें पता था कि कम लागत वाली मशीन बनाने के लिए किन चीज़ों की जरूरत है . एक हार्डवेयर स्टोर से स्पेयर पार्ट्स खरीदकर, मेरे पिता ने कुछ ही दिनों में नारियल के खोल के अंदर और बाहरी हिस्सों को चिकना करने के लिए आवश्यक सैंडिंग मशीनों को बनाया .
मारिया ने घर पर कुछ कटोरे बनाए. इसके साथ ही, उन्होंने तैयार प्रॉडक्ट्स पर व्यावसायिक लोगो भी छापा. मारिया ने बताया, “लेजर प्रिंटिंग, एक थर्ड पार्टी कंपनी द्वारा की गई थी, जो लकड़ी के उत्पादों पर प्रिंट करती है. अंत में, वार्निश जैसे केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट की बजाय नारियल के तेल से खोल को पॉलिश किया गया”.एक बार ऑर्डर की डिलिवरी हो जाने के बाद, मारिया को जो प्रतिक्रियाएं मिलीं, वे बेहद सकारात्मक थीं.
ऑर्डर बढ़ने पर करना पड़ा सही आकार के खोल ढूंढ़ने में संघर्ष करना पड़ा. हालाँकि उनके माता-पिता ने ऑर्डर पूरा करने में मदद की, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि घर पर सभी उत्पादों का निर्माण करना बहुत उलझन वाला काम है. वह बिजनेस की मार्केटिंग और नए-नए तरह के प्रोडक्ट्स बनाना चाहती थीं.थेंगा में बनने वाले उत्पादों के बारे में समझाने के बाद, 10 कारीगर काम करने के लिए तैयार थे.”हमने 8,000 से अधिक उत्पाद बेचे हैं और तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं. कुछ महीनों में ये उत्पाद जर्मनी में भी Amazon के जरिए लॉन्च किए जाएंगे.”