पति और ससुराल की संपत्ति पर कितना है महिला का अधिकार? जानें क्या कहता है कानून?
नई दिल्ली. शादी के बाद महिला को अपने माता-पिता का घर छोड़ पति के घर में रहना होता है. भारतीय संविधान महिलाओं को कई तरह के अधिकार देता है. ऐसे में महिलाओं को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उनका अपने पति और सुसराल की संपत्ति में कितना अधिकार है.
-आमतौर पर यह माना जाता है कि पति की संपत्ति पर पत्नी का पूरा हक होता है लेकिन यह बात पूरी तरह से सही नहीं है. इसकी दो पहलू है जो जानने जरूरी है:-
-अगर संपत्ति पति की कमाई हुई है तो पत्नी पति की क्लास वन एअर होती है. क्लास वन एयर में पत्नी के अलावा मां और बच्चे भी आते हैं.
-यदि किसी शख्स की बिना वसीयत के मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति उसके सभी क्लास वन एअर्स में बराबर बंटती है.
-कोई शख्स वसीयत में किसी को अपना वारिस बनाता है तो प्रॉपर्टी उसके वारिस को ही मिलेगी.
-अगर संपत्ति पैतृक है और पति की मौत हो जाती है तो उस संपत्ति पर महिला का अधिकार नहीं होगा.
-पति की मौत के बाद ससुराल के घर से महिला को निकाला नहीं जा सकता.
-पति की मौत के बाद ससुराल वालों को महिला को मेंटेनेंस देना होगा. मेंटेनेंस कितना होना चाहिए यह महिला और ससुराल वालों की आर्थिक स्थिति के आधार पर अदालत तय करती है.
-अगर महिला के बच्चे हैं तो उनको पिता के हिस्से की पूरी संपत्ति मिलेगी.
-विधवा महिला यदि दूसरी शादी कर ले तो उसे ससुराल की तरफ से मिलने वाल मेंटेनेंस बंद हो जाएगा.
हिंदू सक्सेशन एक्ट का सेक्शन 14 और हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 27 के तहत एक महिला का शादी से पहले, शादी में और शादी के बाद गिफ्ट में मिली हर चीज पर पूरा अधिकार होता है.
-पति से अलग होने की स्थिति में महिला पति से भरण पोषण मांग सकती है.
-भरण पोषण पति और पत्नी दोनों की आर्थिक स्थिति के आधार पर तय होता है.
-तलाक का वन टाइम सेटलमेंट भी हो सकता है और मासिक भत्ता भी.
-तलाक के बाद अगर बच्चे मां के साथ रहते हैं तो पति को उनका भरण पोषण भी देना होगा.
-तलाक की स्थिति में पत्नी अपने पति की संपत्ति पर कोई हक नहीं होता. महिला के बच्चों का उनके पिता की प्रॉपर्टी पर पूरा अधिकार होगा.
-कोई प्रॉपर्टी के मालिक यदि पति-पति संयुक्त रूप से है तो उस स्थिति में प्रॉपर्टी को बराबर बांटा जाएगा.