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बच्‍चों के नाम से कब खुलवा सकते हैं खाता? क्‍या इस पर भी बैंक देते हैं एटीएम और चेक बुक की सुविधा?

नई दिल्‍ली. ज्‍यादातर माता-पिता अपने बच्‍चों के नाम से बैंक खाता खोलने में हिचकिचाते हैं. उन्‍हें लगता है कि बच्‍चों को खाता चलाने के बजाए माता-पिता को ही यह काम करना चाहिए. अगर बैंकिंग एक्‍सपर्ट की मानें तो हर अभिभावक को अपने बच्‍चों के नाम से खाता खुलवाना चाहिए और उन्‍हें लेनदेन व बैंकिंग की जानकारी देनी चाहिए. इससे बच्‍चे जागरुक होंगे और बड़े होकर अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को बेहतर तरीके से हैंडल कर सकेंगे. बच्‍चों के नाम खाता खोलने के और भी कई फायदे होते हैं.

एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, बच्‍चा अगर 10 साल से कम उम्र का है तो उसके नाम पर सीधे खाता खोलने के बजाए माता-पिता या कानूनी अभिभावक की देखरेख में खाता खोला जाता है. इस खाते को अभिभावक ही ऑपरेट करते हैं और 10 साल से ज्‍यादा उम्र का होने के बाद माइनर अकाउंट खोला जाता है, जिसे बच्‍चा खुद ऑपरेट कर सकता है. आप चाहें तो किसी भी सरकारी या निजी बैंक में जाकर बच्‍चे के नाम से माइनर अकाउंट खोला जा सकता है.

बैंक माइनर खाते पर भी एटीएम, डेबिट कार्ड और चेक बुक की सुविधा देते हैं, लेकिन इसके लिए आपको पहले ही बैंक से बात करनी होगी. माइनर अकाउंट खोलने के लिए बच्‍चे के नाम-पते के साथ अभिभावक का भी पहचान पत्र लगाया जाता है. कुछ बैंक माइनर अकाउंट पर नेटबैंकिंग के पासवर्ड नहीं देते हैं तो आप इस बारे में भी पहले ही बैंक से बात कर लें. माइनर बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की भी जरूरत नहीं होती है.

बच्‍चे की उम्र जब तक 10 साल से कम है तो माता-पिता ही उसके खाते को ऑपरेट करेंगे, लेकिन 10 साल से ज्‍यादा और 18 साल से कम होने पर बच्‍चा खुद माइनर अकाउंट हैंडल कर सकता है, जिसमें माता-पिता को भी खाता चलाने का अधिकार होगा. लेकिन, 18 साल से अधिक उम्र होने पर माइनर अकाउंट सामान्‍य सेविंग अकाउंट में बदल जाएगा और फिर इसे माता-पिता या अभिभावक नहीं चला सकेंगे.

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