बिजली वाले अब घर आएंगे तो जरूर करेंगे ये काम, उपभोक्ता ने चाहा तो आईडी भी दिखाएंगे
Electrticity News: बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस की टीम छापेमारी करती है। इसके बाद भी लाइन लास में कमी नहीं आ पा रही है। वहीं कुछ मामलों में विजिलेंस की छापेमारी पर भी सवाल उठता रहा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन ने छापेमारी के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया है। जांच के बाद मौके से ही जांच आख्या निर्धारित प्रारूप में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड भी करना होगा। इस दौरान यदि उपभोक्ता चाहता है तो टीम के सदस्यों को अपनी आईडी (पहचान पत्र) भी दिखानी होगी।
देवरिया में लगभग 4.65 लाख विद्युत उपभोक्ता बिजली का उपयोग करते है। इसके लिए जिले में 42 विद्युत 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र से उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति किया जाता है। जिले को मिलने वाली बिजली में 20 से 25 प्रतिशत की बिजली लाइन लास में चली जाती है। क्षेत्र के कुछ लोग अवैध रुप से बिजली का उपयोग करते है। इसके खिलाफ विजलेंस छापेमारी करती है। इसे पावर कार्पोरेशन के एमडी पंकज कुमार ने गंभीरता से लेते हुए सभी जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विजिलेंस की टीम छापेमारी करते समय वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफी भी करेंगे। इसके साथ ही मौके पर जांच रिपोर्ट को निर्धारित प्रारूप में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। जिससे क्षेत्र में हो रहे बिजली चोरी पर रोक लगाया जा सके। विभाग की प्रतिमाह हो रहे लाखों के नुकसान को कम किया जा सके।
जांच टीम को मीटर की रीडिंग के साथ तिथि वाली लेनी होगी फोटो
विजिलेंस टीम को मीटर की चेकिंग के समय जियोटैग फोटो इस प्रकार लेना होगा कि मीटर की रीडिंग के साथ ही तिथि व समय भी फोटो में अंकित दिखे। यदि उपभोक्ता चेकिंग टीम के साथ फोटो लेना चाहता है तो उसके साथ फोटो लेना होगा। चेकिंग के बाद मौके पर ही जांच आख्या तय प्रारूप में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाए। इसके लिए जांच टीम प्रभारी उत्तरदायी होंगे।
देवरिया के अधीक्षण अभियंता जीसी यादव ने बताया कि जिले में विभाग की विजिलेंस टीम को छापेमारी के दौरान अपने छापेमारी के दौरान वीडियोर्ग्राफी और फोटो लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही जांच आख्या मौके पर आन लाइन करना होगा। इसके लिए आलाधिकारियों ने निर्देश दिया है। उपभोक्ताओं घर पर गई विजिलेंस की टीम के छापेमारी के दौरान सदस्यों से नाम व मोबाइल नंबर पूछ सकता है। उनके परिचय पत्र को देख सकता है। परिसर में पुरुष के नहीं होने पर परिसर के अंदर जांच कराने से रोक सकता है। महिला कर्मी टीम में होने पर ही परिसर के अंदर जांच की जा सकेगी। जांच में पाई गई कमियों का विवरण उपभोक्ता जान सकता है। बिजली चोरी की स्थिति में मौके पर ही राजस्व निर्धारण करते हुए अनुमानित राशि उपभोक्ता को बतानी होगी।