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बिस्तर पर लेटकर कीजिए ये 5 योगासन, सेहत को मिलेंगे गजब के फायदे…

गलत लाइफस्टाइल और खानपान से लोगों की सेहत पर प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण लोग कई बीमारियों से ग्रसित होने लगते हैं। इन में मोटापा, थकान, शरीर दर्द और तनाव आदि शारीरिक और मानसिक समस्या शामिल हैं। इस तरह की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए योगासन लाभकारी होता है। योगासन का नियमित अभ्यास गलत जीवन शैली और पौष्टिक आहार की कमी से होने वाली समस्याओं से राहत दिलाता है। हालांकि भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में लोगों के पास योग या व्यायाम करने तक का समय नहीं मिल पाता। लेकिन सेहत को दुरुस्त रखने के लिए कुछ ऐसे योगासन हैं जो रोज सुबह नींद खुलने के बाद आप बेड पर ही कर सकते हैं। सुबह सुबह योगासन का अभ्यास मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। योगासन से शारीरिक समस्याएं कम होने के साथ ही तनाव और चिंता भी कम होती है। जानिए उन पांच योगासनों के बारे में, जिन्हें रोजाना सुबह आसानी से आप बिस्तर पर कर सकते हैं।

भुजंगासन
रोजाना भुजंगासन का अभ्यास करने से भुजाएं मजबूत होती हैं। मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे बेली फैट कम होता है और रीढ़ में लचीलापन आता है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए बिस्तर पर पेट के बल सीधा लेटकर दोनों हाथों को कंधे के सामने ले आएं। फिर दोनों हाथों को कंधे पर सामने लाते हुए पूरा शरीर एक सीध में रखें। अब ऊपरी हिस्से को भुजाओं से उठाएं और पैर सीधे रखते हुए कमर से ऊपर का हिस्सा हवा में रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।

बटरफ्लाई पोज
बद्धकोणासन को बटरफ्लाई पोज कहते हैं, जिसके अभ्यास से हिप्स और जांघों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और चर्बी कम होती है। पैरों में मजबूती और हिप्स शेप के लिए भी यह योगासन फायदेमंद है। इस योगासन को करने के लिए बिस्तर पर सीधा बैठकर दोनों पैरों के घुटनों को अंदर की तरह मोड़ें। अब पैरों के दोनों तलवे आपस में जोड़ते हुए दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें। अब जांघों को हिलाएं। इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।

पवनमुक्तासन
शरीर में लचीलेपन और रीढ़ की हड्डी मजबूत करने के लिए पवनमुक्तासन करें। पवनमुक्तासन से शरीर की थकान दूर होती है। इस आसन को करने के लिए बिस्तर पर लेटकर दोनों पैरों को आपस में मोड़ लें। फिर घुटनों को छाती पर लगाने हुए दोनों हाथों से पैरों को समेटें। इसी अवस्था में रहते हुए लंबी-लंबी सांस लें और छोड़ें।

विपरीत करणी
इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन सीधा मस्तिष्क तक पहुंचता है और दिमाग तेजी से चलता है। मस्तिष्क तनाव मुक्त होता है और डार्क सर्कल सही होकर त्वचा ग्लो करती है। विपरीत करणी योगासन करने के लिए बिस्तर पर लेटकर पैरों को दीवार से सटाएं। फिर पैर को सीधा रखते हुए शरीर को भी सीधा कर लें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें फिर सामान्य हो जाएं।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन के अभ्यास से हिप्स और जांघ की मांसपेशियों का फैट कम होता है। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ ही कमर की चर्बी कम होती है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन को करने के लिए बिस्तर पर पहले दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब शरीर को सीधा रखते हुए बाएं पैर के घुटनों से मोड़कर दाएं पैर को उठाकर बाएं घुटने पर ले लाएं। अब दाएं हाथ की कोहनी को दाएं पैर के घुटने के ऊपर रखें। इसी अवस्था में रहने के बाद दूसरी तरफ से यह आसन दोहराएं।

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