महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में नेशनल लेवल फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ
बरेली , 28 नवम्बर। महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में कल नेशनल लेवल फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम दिनांक 27 नवंबर 2023 से 2 दिसंबर 2023 तक प्रतिदिन सायं 3 से 5 बजे के मध्य हाइब्रिड मोड में संचालित किया जा रहा है। कल सायं 3 से 5 बजे के मध्य उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया जिसमें विभाग के समिति कक्ष में कार्यक्रम के अध्यक्ष, मुख्य वक्ता, विशिष्ट अतिथि, समस्त शिक्षक, शोधार्थी, एवं संचालन समिति के सदस्य उपस्थित रहे तथा 200 से अधिक प्रतिभागियों व अन्य आमंत्रित सहभागियों ने ऑनलाइन मोड में प्रतिभाग किया। उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह जी, मुख्य अतिथि व प्रमुख वक्ता प्रोफेसर नागेंद्र नाथ पांडे पूर्व संकाय एवं विभाग अध्यक्ष शिक्षा एवं सहबद्ध विज्ञान संकाय तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर मनोज कुमार सक्सेना विभाग अध्यक्ष व संकाय अध्यक्ष सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हिमाचल प्रदेश धर्मशाला रहे। माननीय कुलपति जी तथा संकायाध्यक्ष प्रो. रज्जन कुमार ऑनलाइन मोड में कार्यक्रम में शामिल हुए ।
प्रोफेसर मनोज कुमार सक्सेना ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की महत्ता पर प्रकाश डाला । विभिन्न उदाहरण व विशिष्ट परिस्थितियों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के लागू होने के उपरांत ऐसे समस्त विद्यार्थियों को अपनी रुचि व परिस्थिति के अनुसार विषय चुनने में मदद मिलेगी जो कि पहले संभव नहीं था। मल्टीप्ल एंट्री व एग्जिट के प्रावधान के लागू होने के कारण ऐसे तमाम शिक्षार्थियों को सहायता मिलेगी जो कि अपनी शिक्षा का उपयोग किसी भी स्तर पर जीविकोपार्जन हेतु करना चाहते हैं। एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट की सुविधा को उपयोग करने के लिए जितनी जिम्मेदारी छात्रों की है उससे कहीं अधिक विश्वविद्यालय की भी है। अपने वक्तव्य में उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रगति में शिक्षकों एवं शिक्षक शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रोफेसर एन एन पांडे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पृष्टभूमि एवं वर्तमान समय में उच्च शिक्षा एवं शिक्षक शिक्षा के सन्दर्भ में इसकी सार्थकता पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर पांडे ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस बात पर जोर दिया गया है कि शिक्षण कार्य का अति महत्वपूर्ण दायित्व उन्हीं व्यक्तियों को सौपा जाए जो कि अत्यंत प्रतिभाशाली हैं । छात्रों में सृजनात्मक क्षमता के विकास हेतु यह आवश्यक है कि उनको प्रतिभा सम्पन्न शिक्षकों के द्वारा ही शिक्षा प्रदान की जाए और यह तभी संभव है जब शिक्षकों को शिक्षण के अतिरिक्त अन्य कामों में न लगाया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने यह चिंता भी व्यक्त की कि जब तक शिक्षक शिक्षा के कार्यक्रम की उपयुक्त पुनर संरचना नहीं होगी तब तक नवीन विशेषताओं से युक्त शिक्षक तैयार नहीं किया जा सकते ।
उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में कार्यक्रम की कन्वीनर तथा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रश्मि अग्रवाल ने समस्त अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के को कन्वीनर प्रो. यशपाल सिंह द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा को प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ गौरव राव द्वारा किया गया तथा ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ प्रतिभा सागर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक प्रो. अंजू अग्रवाल, डॉ तरुण राष्ट्रीय, डॉ प्रवीण कुमार तिवारी, डॉ राम बाबू, डॉ मीनाक्षी द्विवेदी, श्री रश्मि रंजन, तथा शोधार्थी स्वाति पाण्डेय, उपवन कुमार, शालिनी सक्सेना, शबिया, आकाश कुमार, शिवी अग्रवाल, इंदु कुमारी, जगदीश कुमार, सत्य प्रकाश आजाद, राजेश कुमार, एवं अनुराधा यादव सभागार में उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट