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महिला ने एक साथ दिया 5 बेटियों जन्म, अकेले कर रहीं पालन-पोषण

डिवीना नाम की महिला की पहले से एक बेटी थी, बाद में एक साथ पांच बेटियों का जन्‍म हुआ. ऐसे में 6 बेटियों का पालन-पोषण करना उनके लिए चैलेंज हो गया. स्‍कूल की फीस जमा ना करने की वजह से उनकी बेटियों को वापस घर भेज दिया गया. अपनी बेटियों को डिवीना अपने दम पर पाल रही हैं.

महिला ने 5 बेटियों को एक साथ जन्‍म दिया, वह इन बेटियों को अकेले ही पाल रही हैं. महिला ने एक वीडियो में अपनी प्रेग्‍नेंसी, बच्चियों के जन्‍म और संघर्ष की कहानी शेयर की. इन पांचों बच्चियों ने हाल में अपना छठा जन्‍मदिन मनाया है.

डिवीना नियांगरिसा 6 बेटियों की मां हैं. सबसे बड़ी बेटी का जन्‍म 10 साल पहले हुआ. वहीं अन्‍य पांच बेटियों का जन्‍म बाद में एक साथ हुआ. डिवीना ने बच्चियों के पालन-पोषण की इमोशनल आपबीती Afrimax English से शेयर की. डिवीना ने कहा कि जब पांच बेटियों का एक साथ जन्‍म हुआ तो कई लोगों ने कहा कि ये जिंदा नहीं रह पाएंगी.

डिवीना ने कहा कि पांच बेटियों की प्रेग्‍नेंसी के दौरान उन्‍होंने कई उतार-चढ़ाव देखे. पांचों बेटियां प्री-मैच्‍योर पैदा हुईं और तीन महीनों तक ICU में भर्ती थीं. उनकी बेटियां सामान्‍य आकार की तुलना में छोटी थीं, सबसे ज्‍यादा वजनदार बेटी डेढ़ किलो की थी.

डिवीना ने कहा कि अस्‍पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह अपनी बेटियों को देखने जाती थीं. कई बार तो अस्‍पताल से कॉल रात के समय आती थी, ऐसे में वह डर जाती थीं. वह फोन पर ही अस्‍पताल वालों से कई सवाल कर लेती थीं कि आखिर क्‍या हुआ है, सब बेटियांं ठीक तो हैं, क्‍या कोई बेटी मर तो नहीं गई?

डिवीना ने कहा कि जिन तीन महीने उनकी बेटियां भर्ती रहीं, वह समय उनके लिए बेहद डरावना रहा. पांचों बच्‍चों को ब्रेस्‍टफ्रीड कराना भी मुश्किल काम था. वह सभी को समुचित फीड नहीं करवा पाती थीं. जब 5 बच्चियां 6 महीने की हुईं तो उन्‍होंने सभी को दलिया देना शुरू कर दिया, पीने के लिए गाय का दूध देती थीं. बेटियां जब नौ महीने की हुईं तो उन्‍होंने खाना देना शुरू कर दिया था, इससे उनकी ग्रोथ भी तेजी से हुई.

डिवीना ने कहा, फर्ज करिए अगर एक बच्‍ची को सुबह बुखार है तो शाम आते-आते दो और बेटियों को बुखार आ जाएगा. अगले दिन तक पांचों बुखार की चपेट में होंगी. ऐसे में देखभाल में भी दिक्‍कत आती है. डिवीना ने कहा कि बच्‍चों को स्‍कूल फीस जुटाना भी मशक्‍कत भरा काम है. एकबार तो स्‍कूल ने फीस जमा ना करने की वजह से वापस कर दिया था. पेशे से टीचर डिवीना होम ट्यूशन देती हैं, इससे उनकी आय होती है.

अपनी बेटियों को वह घर पर ही पढ़ाती हैं, उन्‍हें पढ़ाने के लिए एक टीचर घर पर ही आता है. डिवीना कहती हैं कि यह बेटियों को स्‍कूल भेजने की अपेक्षा ज्‍यादा सस्‍ता पड़ता है. डिवीना इसके अलावा Swahili भाषा की ऑनलाइन कोचिंग देती हैं, जो उनकी आमदनी का हिस्‍सा है. वहीं स्‍थानीय चर्च के पादरी भी परिवार की मदद करते हैं.

डिवीना अपनी सभी बेटियों के साथ किराए के घर में रहती हैं. वह कई बार लोगों से बच्‍चों की स्‍कूल फीस के लिए मदद का आग्रह करती हैं. डिवीना ने कहा कि अगर स्‍कूल फीस को लेकर मदद हो जाए तो वह बाकी खर्चा खुद हैंडल कर लेंगी.

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