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मुजफ्फरनगर की हवा में घुला जहर, जानें कितना हुआ एक्यूआई, बढेंगी ये बीमारियां!

मुजफ्फरनगर। दीपावली के पर्व से पहले ही मुजफ्फरनगर की हवा में प्रदूषण का जहर घुल गया है। बढते एक्यूआई के चलते अब स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को इसके कारण होने वाली बीमारियों के प्रति आगाह कर रहा है।

जिले में नवंबर माह में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार को मामूली सुधार हुआ, लेकिन बुधवार को प्रदूषण फिर खतरा बन गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 281 पर पहुंच गया है। सुबह के समय स्मॉग छाया रहा। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी प्रभावित रही। स्मॉग का असर सुबह 11 बजे तक भी नजर आया।

कुछ देर के लिए आसमान में बादल भी छाए रहे। इसके बाद दिन में धूप खिल गई। शाम ढलते ही फिर कुछ जगह स्मॉग रहा। हवा का खराब स्तर सांस और आंख के रोगियों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है। सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार का कहना है कि सुबह-शाम के समय मॉस्क और चश्मे का जरूर प्रयोग करें। सांस के रोगी अधिकतर समय घरों में ही रहे।

सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार का कहना है कि वायु प्रदूषण से सांस के विभिन्न रोगियों को परेशानी होती है। आंखों की समस्या बढ़ जाती है। अगर प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है तो बच्चों की स्मरण शक्ति पर भी असर डालता है। सर्दी या खांसी बढ़ जाती है। चर्म रोग, जुकाम, सांस, आंखों में जलन, खांसी, टीबी और गले में में इंफेक्शन, साइनस, अस्थमा की समस्या बढ़ती है।

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