यूपी में बारिश से दो घरों की छत गिरने से नौ लोग दबे, पिता व तीन साल की बेटी समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत
संभल| संभल जिले में दो जगहों पर बारिश के दौरान घरों की छत गिरने से नौ लोग दब गए। इसमें तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। हादसे की सूचना के बाद प्रशासन दोनों जगहों की स्थिति जांचने में जुटा है। बारिश के दौरान बुधवार को धनारी पट्टी लाल सिंह में मजदूर नरेश कश्यप के मकान की छत गिर गई। इसके मलबे में दंपती व उनकी दो बेटियां गईं।
हादसे में नरेश (27), उसकी तीन साल की बेटी की मौत हो गई। पत्नी व दूसरी बेटी घायल हो गए। कमरे का दरवाजा तोड़ आसपास के लोगों ने मुश्किल से बाहर निकाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। बड़ा बेटा स्कूल गया हुआ था, इस कारण वह हादसे बच गया। एसडीएम गुन्नौर रमेश बाबू ने गांव पहुंचकर हादसे की जानकारी ली।
थाना क्षेत्र के धनारी पट्टी लाल सिंह निवासी नरेश कश्यप मछली बेचने काम करता था। बुधवार को बारिश के दौरान वह पत्नी नीतू (25), बेटी वंदना (चार), मधु (तीन) के साथ बैठा था। मकान में प्लास्टर नहीं था और लोहे के गर्डर पर सीमेंट की स्लैब डालकर छत बनी हुई थी। मकान के आगे बरामदा न होने के कारण दरवाजा बंद कर रखा था।
दोपहर करीब एक बजे अचानक मकान की छत भरभराकर गिर पड़ी। हादसे में नरेश, उसकी पत्नी व दोनों बेटियां मलबे के नीचे दब गईं। छत गिरने की आवाज से आसपास के लोग मौके की ओर दौड़ पड़े। कमरे में छत का मलबा होने से दरवाजा नहीं खुल पाया। इसके बाद ग्रामीणों ने मुश्किल से लोहे का दरवाजा तोड़ा।
करीब 15 दिन के बाद दंपती और उनकी बेटियों को मलबे से बाहर निकाला। ग्रामीणों ने मलबे से सभी को 15 मिनट में बाहर निकाल लिया था। हादसे में घायलों को परिजन लेकर निजी चिकित्सक के पास पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने मधु को मृत घोषित कर दिया। गंभीर हालत में नरेश को सीएचसी रेफर कर दिया।
बहजोई सीएचसी में नरेश को भी मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल नीतू, बेटी मधु को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया। पिता-पुत्री की मौत से ग्रामीण सदमे में हैं। घटना की सूचना पर एसडीएम गुन्नौर रमेश बाबू, बहजोई सीओ दीपक तिवारी मौके पर पहुंच गए। परिवार की स्थिति की जानकारी ली। उनके साथ कानूनगो अखिलेश शर्मा व अन्य कर्मचारी भी पहुंचे।
दुर्घटना में मृतक परिवार को सरकारी योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा अन्य योजना से संबंधित नियमानुसार जो सभी संभव होगा, उसका लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। नखासा थाना क्षेत्र के गांव केशोपुर भंडी में झमाझम बारिश के दौरान कच्चे मकान की छत भरभराकर गिर गई। इसके मलबे में बुजुर्ग विधवा महिला सोनिया (70), तीन बच्चे समेत पांच लोग दब गए। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और दबे लोगों को बाहर निकाला गया। जब तक महिला को निकाला गया, तब उसकी मौत हो चुकी थी।
संभल तहसील क्षेत्र के गांव केशोपुर भंडी निवासी विधवा सोनिया बुधवार को करीब तीन बजे बारिश होने की वजह से मकान में बैठी थीं। सोनिया की पुत्रवधु मीरा और उसके तीन बच्चे रामबाबू, श्याम बाबू और प्रेम बाबू भी साथ में बैठे थे। तभी कच्ची छत अचानक भरभरा कर गिर गई। जिसके मलबे में यह सभी दब गए।
तहसीलदार दीपक कुमार चौधरी ने बताया कि कच्ची छत गिर गई थी। इसके मलबे में दबने से महिला की मौत हुई है। शव को पीएम के लिए भिजवाया गया है। पीएम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, असमोली के बेला गांव में बुधवार की दोपहर लोकेश का कच्चा मकान गिर गया।
जिस समय मकान गिरा, उस समय लोकेश, पत्नी ममता, आठ वर्षीय शिवानी, पांच वर्षीय शिवा, दो वर्षीय डिव्बू घर में मौजूद थे। सभी मकान के मलवे में दब गए। परिजनों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े और मलवे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया।
लोकेश की हालत गंभीर है, उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुबारकपुर बंद गांव में शकील, अहसान के मकान की जर्जर दीवारें बारिश के दौरान बुधवार की दोपहर गिर गईं। गनीमत रही कि उस समय आवागमन बंद था। दुगावर गांव में थान सिंह के पक्के मकान की कच्ची छत नीचे गिर गई।
गनीमत रही कि परिवार के लोग गिरने के अंदेशे में पहले ही बाहर निकल गए थे। वर्ना बड़ा हादसा हो सकता है। धारंगपुर गांव में प्रशांत और यशवंत के कच्चे मकान गिर गए। इसकी जानकारी प्रशासन को दी गई है।
केशोपुर भंडी में छत के मलबे में दबने से महिला की मौत हुई है। शव पीएम को भेजा गया है। पीएम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी। अन्य स्थानों पर भी हादसे हुए हैं। लेखपालों को जांच करने के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद आर्थिक सहायता राशि दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।