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राजनाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रीमंडल में शामिल

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आज नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। राजनाथ सिंह वर्तमान में लखनऊ से सांसद हैं। वे भारत के गृह मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं।

एक रणनीतिकार और जमीनी स्तर से जुड़े एक सर्वोत्कृष्ट नेता राजनाथ सिंह को नब्बे और उसके बाद के दशकों में हिंदी पट्टी के राज्य उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक नेटवर्क का विस्तार करने का श्रेय दिया जाता है। भौतिकी के प्रोफेसर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली दूसरी सरकार में देश के रक्षा मंत्री तक का महत्वपूर्ण सफर तय करने वाले राजनाथ भाजपा के ऐसे मजबूत स्तंभ हैं जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीतिक शुचिता का सम्मान करने वाले परिपक्व नेता के रूप में होती है।

नपा तुला बोलने वाले सिंह
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य के चंदौली जिले से आने वाले सिंह को एक उदारवादी चेहरे के रूप में जाना जाता है और पार्टी लाइन से हटकर नेताओं के बीच उनका व्यापक सम्मान है। मधुरभाषी और नपा तुला बोलने वाले सिंह प्रतिद्वंद्वियों पर कमोबेश निजी हमले करने से परहेज करते हैं। पार्टी में उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लाल कृष्ण आडवाणी के बाद वह ऐसे नेता हैं जिन्होंने दो अलग-अलग कार्यकाल के लिए पार्टी की कमान संभाली है।

कई बार पार्टी ने सौंपी कमान
राजनाथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक विरासत को इस लिहाज से आगे बढ़ा रहे है कि उन्होंने वाजपेयी के संसदीय क्षेत्र लखनऊ से लगातार चार बार विजय प्राप्त की। उन्होंने वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री का प्रभार भी संभाला था। आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) पार्टी अध्यक्ष रहे, जबकि सिंह 2005 से 2009 तक अध्यक्ष रहने के बाद 2013-14 में भी भाजपा अध्यक्ष रहे ।

उन्हीं के अध्यक्ष रहते पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के नाम पर मुहर लगी थी । संघ के साथ उनके बेहतर रिश्‍ते का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि आडवाणी के जिन्‍ना प्रकरण के बाद संघ ने सिंह को ही पार्टी के अध्‍यक्ष की जिम्‍मेदारी सौंपी थी। इसके बाद उन्होंने दूसरी बार पार्टी की कमान तब संभाली थी जब एक मामले में नितिन गडकरी का नाम सामने आया था।

13 साल की उम्र में संघ से जुड़े
साधारण किसान परिवार में जन्मे सिंह ने मामूली कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री जैसे अहम पद का जिम्मा संभाला है। वह सियासत में कदम रखने से पहले मिर्जापुर के कॉलेज में व्याख्याता हुआ करते थे। भाजपा में सफलता की सीढ़ी संघ है और सिंह का राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से गहरा नाता है। वर्ष 1964 में 13 वर्ष की अवस्था में ही वह संघ से जुड़ गए। व्याख्याता बनने के बाद भी संघ से उनका जुड़ाव बना रहा।

राजनाथ ने हाल में एक टीवी साक्षात्कार में आपातकाल के दौरान जेल में रहने के दौरान उनकी मां के निधन का उल्लेख किया था। वह यह बताते समय भावुक हो गये थे कि तत्कालीन जेल प्रशासन ने उन्हें उनकी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। सिंह को 1986 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। बाद में वह 1988 में इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। इसी साल सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए।

नकल-रोधी कानून लागू करवाया
साल 1991 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो राजनाथ को शिक्षा मंत्री बनाया गया। वर्ष 1994 में वह राज्यसभा भेजे गए और 1997 में उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बनाए गए। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहते उन्होंने नकल-रोधी कानून लागू करवाया था। इसमें नकलची विद्यार्थियों को परीक्षा हॉल से गिरफ्तार किया जाता था और जमानत अदालत से मिलती थी। साथ ही वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में भी शामिल करवाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।

सिंह 20 अक्‍टूबर 2000 को उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री बने। हालांकि उनका कार्यकाल दो साल से भी कम समय का रहा। इसके बाद केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी-नीत राजग सरकार में सिंह को भूतल परिवहन और कृषि मंत्री बनाया गया था। उनको पहली बार पार्टी की कमान 2005 से 2009 तक मिली तो दूसरी बार वह इस पद पर 2013 से 2014 तक रहे।

राजनाथ सिंह 2009 में गाजियाबाद और 2014 तथा 2019 में लखनऊ से सांसद निर्वाचित हुए। वर्ष 2014 में जब भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें देश का गृहमंत्री बनाया गया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्होंने रक्षा मंत्रालय का दायित्व संभाला था। रक्षा मंत्री के तौर पर वह राफेल विमान की पहली खेप लेने के लिए 2020 में जब फ्रांस गये थे और उन्होंने इस विमान की पूजा की थी तो वह काफी चर्चा में रहे थे।

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