राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म होने पर टीएमसी ने साधी चुप्पी, आयोग के फैसले को दे सकती है चुनौती
कोलकाता: हर मुद्दे पर मुखर रहने वाली तृणमूल कांग्रेस आश्चर्यजनक रूप से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा हाल ही में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीने जाने पर प्रतिक्रिया देने में चुप्पी साधे है। मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है। केवल वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत रॉय ने दावा किया है कि पार्टी नेतृत्व ईसीआई के फैसले को कानूनी रूप से चुनौती दे सकती है। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जब ईसीआई का फैसला गलत साबित हुआ।
रॉय ने कहा, आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार सेंसर किया है। आयोग में प्रतिनियुक्ति भेजने के अलावा, हम इस मामले में कानूनी रास्ता अपनाने पर भी विचार कर सकते हैं। विपक्षी दलों खासकर भाजपा ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि आयोग की कार्रवाई ने ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री बनने के सपने को तोड़ दिया है। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि विभिन्न घोटालों से कमाए गए धन से करोड़ों खर्च कर गोवा और त्रिपुरा जैसे राज्यों में अपने नेटवर्क का विस्तार करने के तृणमूल कांग्रेस के प्रयास अंतत: सफल नहीं हो सके।