रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की छात्रा संजना सिंह को राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने पर कुलपति प्रो. के. पी. सिंह ने दी बधाई
बरेली , 10 अक्टूबर। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध बरेली कॉलेज बरेली की छात्रा एवं एनएसएस स्वयंसेवक संजना सिंह को एनएसएस के सर्वोच्च पुरस्कार से राष्ट्रपति द्वारा प्राप्त कर बरेली वापस आने पर कुलपति प्रो. के. पी. सिंह ने संजना सिंह को कॉलेज और विश्वविद्यालय का मान पूरे देश में रोशन करने पर बधाई दी । कुलपति प्रो. के. पी. सिंह ने कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात हैं कि विश्वविद्यालय के छात्र पढ़ाई के साथ साथ एनएसएस के माध्यम से समाजसेवा में अपना योगदान दे रहे हैं और देश स्तर पर नाम कर रहे हैं, विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का विषय है कि लगातार दूसरी वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य से एक स्वयंसेवक का चयन रुहेलखंड विश्वविद्यालय से हुआ और माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा दरबार हॉल राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार प्रदान किया गया । पिछले वर्ष मोहित शर्मा ने यह पुरस्कार प्राप्त कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया था। संजना ने पर्यावरण,स्वच्छता,जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार,सड़क सुरक्षा ,साइबर क्राइम,महिलाओं को मासिक धर्म संबंधित जागरूकता कार्यक्रम एवं सेनेटरी पैड आदि का वितरण में अपना उत्कृष्ट कार्य किया है। इसके साथ ही कोरोना के समय में रंगोली एवं दीवार लेखन,नुक्कड़ नाटक ,खाद्य सामग्री वितरण, मास्क वितरित कर आदि माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम कर लोगों को सुरक्षित रखने के उपायों के लिए जानकारी प्रदान की । रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. पी. सिंह ने पूरे एनएसएस विभाग को बधाई दी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कृष्ण यादव एवं एनएसएस समन्वयक प्रो. सोमपाल सिंह ने भी संजना के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनके चयन पर खुशी जताई । संजना का कहना है कि कार्यों के साथ साथ उचित मार्गदर्शन एवं सही दिशा का मिलना हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करते हैं जिसमें मेरा मार्गदर्शन एनएसएस राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मोहित शर्मा ने किया कि किस प्रकार अपने द्वारा किए गए कार्यों का उचित डॉक्युमेंशन करे । संजना ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता, एनएसएस समन्वयक प्रो. सोमपाल सिंह, एनएसएस राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मोहित शर्मा को दिया हैं।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट