वास्तु के नियम अनुसार कैसा होना चाहिए घर का नाम प्लेट, बिल्कुल ना करें गलतियां
लखनऊ: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता है इसकी कई मान्यताएं होती हैं। वास्तु में बताए गए नियम का पालन करने से जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। इसके अलावा कैरियर लव फाइनेंस और हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। कई बार ऐसा होता है कि परिवार के कुछ सदस्यों को अपार सफलता मिलती है तो कहीं आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के नियम के अनुसार घर का नाम प्लेट का सदस्यों के जीवन पर विशेष महत्व डालता है गलत तरीके से लगाया गया नेम प्लेट जीवन में कोई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नेम प्लेट से जुड़े है ये वास्तु नियम
वास्तु शास्त्र के नियम के अनुसार यदि आप अपने घर पर नेम प्लेट लगा रहे हैं, तो नियम से इसकी साफ-सफाई जरूरी है।
अगर आपने नया-नया घर बनाया है तो उसके लिए आयताकार की नेम प्लेट शुभ मानी जाएगी।
अगर आप नेल पेंट लग रहे हैं तो यह मुख्य द्वार के दाएं तरफ होना चाहिए।
में प्लेट पर लिखे हुए शब्द एकदम स्पष्ट रूप से नजर आना चाहिए यह टूटा फूटा नहीं होना चाहिए, इसमें किसी तरह का छेद नहीं होना चाहिए।
नेम प्लेट पर भगवान गणेश या स्वास्तिक का चिह्न जरूर बना होना चाहिए। अगर किसी कारणवश आपका नहीं प्ले टूट जाता है तो फिर से सही कारण और तुरंत बदल लें।
यदि आपके नाम प्लेट के पीछे मकड़ी छिपकली या चिड़िया वास कर रही है, तो आपको इन्हें हटा देना चाहिए।
अगर आपने अपने घर का नाम प्लेस बनवाया है तो इसमें वाइट, येलो और केसरिया रंग जरूर होना चाहिए।
वास्तु के नियम के अनुसार, प्लास्टिक से बनी नेम प्लेट बिल्कुल इस्तेमाल न करें। इसके अलावा लड़कियां पत्थर से बने नेम प्लेट का इस्तेमाल भी ना करें।