शराब पीने से पहले क्यों बोलते हैं लोग Cheers, जानकर हो जाएंगे हैरान
नई दिल्ली. महफिल में ‘चीयर्स’ किए बिना शराब को होठों से लगाना कुछ वैसा ही अधूरा है जितना कि फोन पर बातचीत शुरू करने से पहले ‘हैलो’ न कहना. महफिल सजे और जाम ना छलके ऐसा होना नामुमकिन है. अक्सर लोग खुशी हो या फिर गम जाम छलकाना बिल्कुल भी नहीं भूलते. इस दौरान महफिल में मौजूद सभी लोग ड्रिंक करने से पहले जाम से जाम टकराकर एक साथ ‘चीयर्स’ कहते हैं. आपने भी कभी न कभी तो ऐसा किया ही होगा. जाम से जाम टकराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं, ऐसा क्यों किया जाता है ? हम आपको बताएंगे कि कैसे इस शब्द की उत्पत्ति हुई और कहां से हुई साथ ही क्यों टकराया जाता है जाम से जाम ?
चीयर्स शब्द से निकला है. यह एक फ्रांसीसी शब्द है. इसका अर्थ होता है ‘चेहरा या सिर’. पुराने समय में टीयर्स बोलना उत्सुकता और प्रोत्साहन का प्रतीक था. चीयर्स अपनी खुशी को जाहिर करने और जश्न मनाने का शानदार तरीका है. इसका मतलब है कि अच्छा समय अब शुरू हो चुका है.
आपको बता दें कि 18 वीं शताब्दी में चियर्स शब्द का इस्तेमाल खुशी जाहिर करने के लिए किया जाता था. समय बीतने के साथ ही एक्साइटमेंट जाहिर करने के लिए इस शब्द का उपयोग किया जाने लगा, इसलिए एक्साइटमेंट में लोग चीयर्स का इस्तेमाल करते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में इससे अलग बातें भी बताई गई हैं. कहा जाता है कि जर्मन रिवाजों में अगर गिलास टकराते हैं, तो एविल या घोस्ट शराब से दूर रहते हैं, इसलिए लोग शराब पीने से पहले एविल को दूर रखने के लिए चीयर्स शब्द का इस्तेमाल करते हैं.
यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारी पांच इंद्रियां होती हैं. आंख, नाक, कान, जीभ और त्वचा जो अपने-अपने हिसाब से काम करती हैं. शराब पीते समय हमारी केवल चार इंद्रिया ही काम करती है, जैसे आंखों से ड्रिंक को देखते हैं, पीते वक्त जीभ से इसका स्वाद महसूस करते हैं, नाक से ड्रिंक की अरोमा या खुशबू का एहसास करते हैं. ड्रिंक करने की इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ एक इंद्रि का इस्तेमाल नहीं होता और वह है कान. इसी कमी को पूरा करने के लिए चीयर्स कहा जाता है और कानों के आनंद के लिए जाम से जाम टकराए जाते हैं. माना जाता है कि इस तरह ड्रिंक करने से पांच इंद्रियों का यूज होता है और शराब पीने का एहसास और भी ज्यादा खुशनुमा हो जाता है.