संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में सेमिनार का आयोजन
बरेली , 26 नवम्बर। संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर कल एम.जे.पी. रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के विधि विभाग में एक सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अमरपाल सिंह हेड एंड डीन गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली रहे। कार्यक्रम के आरंभ में सर्वप्रथम संविधान की शपथ सभी उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों कर्मचारियों व अन्य लोगों को दिलाई गई । इस अवसर पर प्रोफ़ेसर अमर पाल ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान दिवस भारतीयों के लिए सबसे विशेष दिन है उन्होंने बताया कि कोई भी संविधान अच्छा या बुरा नहीं होता उसको लागू करने वाले अच्छे या बुरे होते है। आज आवश्यकता है संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने की। उन्होंने संविधान निर्माताओं के उद्देश्यों को विस्तार से बताया और कहा कि युवाओं के कठिन प्रश्नों के समाधान से ही देश अच्छा बन सकता है इस बात पर बल दिया कि संविधान का ज्ञान न सिर्फ विधि के छात्रों को बल्कि प्रत्येक विषय के छात्रों को होना चाहिए। देश भर में पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज में संविधान को भी पढ़ाया जाना चाहिए और संविधान की जानकारी ही संबिधानवाद को सही ढंग से स्थापित कर सकती है।*
कार्यक्रम में उपस्थित विधि विभाग के हेड एंड डीन डॉक्टर अमित सिंह ने संविधान के महत्व और उसकी विशाल प्रकृति पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि
यह संविधान इतना बड़ा क्यों है? इन बिंदुओं को स्पष्ट किया उन्होंने बताया कि भारत का संविधान विश्व भर के लोकतांत्रिक देशों के संविधान से बेहतर है परंतु स्वतंत्र निर्वाचन, स्वतंत्र मीडिया, सरकार के तीनो अंगो का उत्तरदायित्व आदि आज चुनौती पूर्ण विषय हैं इन चुनौतीपूर्ण विषयो पर रिसर्च स्कॉलर को रिसर्च करने का सुझाव भी दिया उन्होंने अमेरिकी संविधान और भारतीय संविधान में तुलनात्मक बिन्दुओ द्वारा अंतर स्पष्ट किया ।
कार्यक्रम के अवसर पर एल. एल. एम के छात्र-छात्राएं, रिसर्च स्कॉलर व शिक्षक डॉ शहनाज अख्तर , प्रियदर्शिनी रावत, डॉ लक्ष्यलता, अनुष्का, डॉ लक्ष्मी देवी, डॉक्टर अमित कुमार सिंह, नईमुद्दीन, नेहा दिवाकर, प्रीति वर्मा , रविकर यादव, डॉक्टर अनु शर्मा , राष्ट्रवर्धन कर्मचारी गुलाब सिंह, रामवचन ,राजेश आदि भी मौजूद रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट