सचिन तेंदुलकर ने बताया डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने के फायदे, बोले- मुझे जब भी मौका मिला, मैं…
नई दिल्ली (New Dehli)। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)ने भी युवा खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट (players in domestic cricket)को प्राथमिकता देने की सलाह (Advice)दी है। उन्होंने कहा है कि इस बार के रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल दिलचस्प रहे। मुंबई ने बल्लेबाजी के दम पर फाइनल में प्रवेश किया, जबकि विदर्भ और मध्य प्रदेश के बीच कांटे का मुकाबला जारी है। उन्होंने बीसीसीआई की तारीफ भी की, जो डोमेस्टिक क्रिकेट को बढ़ावा दे रहा है। सचिन ने ये भी बताया कि उनको जब भी मौका मिला, वे मुंबई के लिए खेले, लेकिन आजकल के क्रिकेटर ऐसा करने से कतरा रहे हैं। उनका मानना है कि इससे युवा खिलाड़ियों को फायदा होता है।
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने रणजी ट्रॉफी को लेकर किए गए एक्स पोस्ट में लिखा, “रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल दिलचस्प रहे। मुंबई का इसके फाइनल में पहुंचना शानदार बल्लेबाज़ी की मदद से हुआ, जबकि दूसरा सेमीफाइनल अंतिम दिन तक अधर में लटका हुआ है। मध्य प्रदेश को जीत के लिए 90 से ज्यादा रन चाहिए, जबकि विदर्भ को 4 विकेट चाहिए। अपने पूरे करियर के दौरान, जब भी मुझे मौका मिला, मैं मुंबई के लिए खेलने को लेकर जुनूनी रहा। बड़े हुए तो हमारे ड्रेसिंग रूम में लगभग 7-8 भारतीय खिलाड़ी थे और उनके साथ खेलना मजेदार था।
उन्होंने आगे लिखा, “जब भारत के खिलाड़ी अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलते हैं, तो इससे युवाओं के लिए खेल की क्वालिटी बढ़ती है और कभी-कभी नई प्रतिभा की पहचान होती है। यह राष्ट्रीय खिलाड़ियों को कभी-कभी बुनियादी बातों को फिर से खोजने का मौका भी देता है। घरेलू टूर्नामेंटों में शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के भाग लेने से, समय के साथ प्रशंसक भी अपनी घरेलू टीमों को और अधिक फॉलो करना और समर्थन करना शुरू कर देंगे। यह देखना अद्भुत है कि बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट को समान प्राथमिकता दे रहा है।”