सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले मास्टर की बेटी बनी IAS ऑफिसर, कई कठिनाइयों का सामना करते हुए बनी अफसर
वैसे तो बिहार का नाम गरीब राज्यों में लिया जाता है लेकिन यहां पर पढ़े-लिखे छात्रों की बिल्कुल भी कमी नहीं है। बिहार में कई टैलेंटेड छात्र-छात्रा है जो अपने स्टेट का नाम पूरे देश में रोशन करते हैं।
हमारे देश में हर साल यूपीएससी की परीक्षा ली जाती है और इसमें कई लोग टॉप करते हैं। हम आज आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने वाले हैं जिसने इस परीक्षा में टॉप करके सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपने परिवार का नाम रोशन कर दिखाया है और अपने पापा का सपना सच कर दिखाया है।
यूपीएससी रिजल्ट में 16वां स्थान प्राप्त करने वाली मुंगेर की बेटी डॉक्टर अंशु प्रिया शिक्षक पिता की पुत्री हैं. मुंगेर जिले के पूरब सराय में गायत्री नगर के रहने वाले सरकारी शिक्षक शैलेंद्र कुमार शैलेंद्र को जैसे ही इस सफलता की जानकारी मिली पूरे परिवार में खुशियां मनाई जाने लगीं।
जैसे ही लोगों को खबर मिली लोग बधाई देने के लिए पहुंच गए और लोग बस यही बात कह रहे थे कि मास्टर साहब की बेटी ने तो कमाल कर दिखाया। आपको बता दें कि अंशु प्रिया यूपीएससी का एग्जाम पास करने से पहले दिल्ली एम्स में डॉक्टर के पद पर कार्यरत थी।
शैक्षणिक वातावरण में पली बढ़ीं अंशु-
अंशु प्रिया के पिता शैलेंद्र कुमार शैलेंद्र और दादा सरकारी शिक्षक हैं. स्वर्गीय हो चुकीं दादी भी शिक्षक थीं. वर्तमान में अंशु के पिता संदलपुर कन्या मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. मां इंदु कुमारी ने इतिहास में स्नातकोत्तर किया है और वह हाउस वाइफ हैं.शिक्षक परिवार में जन्मीं डॉ अंशु प्रिया की आरंभिक पढ़ाई मुंगेर के नोट्रेडम स्कूल से हुई.
अंशु प्रिया शुरू से ही पढ़ने लिखने में तेज थी और उन्होंने डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा की और उनका कहना है कि अब वह कलेक्टर बनकर समाज की सेवा करेगी। अंशु प्रिया के द्वारा लगातार छात्रों को सलाह दिया जा रहा है कि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए जी जान लगा दे तभी वह आगे बढ़ पाएंगे और अपने मां-बाप का नाम रोशन कर पाएंगे।