उत्तर प्रदेश

सर्द हवाओं व ठंड/पाला/घने कोहरे से बचाव के उपाय: एडीएम एफआर

रायबरेली, 28 दिसम्बर । अपर जिलाधिकारी (वि0रा0) पूजा मिश्रा ने बताया है कि जनपद में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है, ऐसी स्थिति में सर्द हवाओं के चलने के कारण ठंड का प्रकोप और भी बढ़ने की सम्भावना बनी रहती है। ऐसी स्थिति में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, रायबरेली द्वारा ठंड/पाला/घने कोहरे से बचाव केे लिए बताया है कि रेडियो सुनें टीवी देखें, स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़ें। पर्याप्त सर्दियों के कपड़े स्टॉक करें। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती है। बच्चों को अच्छी तरह ऊनी कपड़ों से ढक कर रखें एवं बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें। पानी पीने, स्नान करने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग अवश्य करें। भारी कपड़ों की एक परत के बजाय ढीले ढाले, हल्के, वायुरोधी गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें। टाइट कपड़े ब्लड सर्कुलेशन को कम करते है। ठंड से बचाव के लिए जनपद में विभिन्न स्थानों पर तहसील/नगर पालिका/नगर पंचायत के द्वारा दैनिक रूप से जलाये जा रहे अलाव का सहारा लिया जा सकता है।
कोहरे के दौरान वाहन धीरे चलाये, डिफॉगर लगाएं, इंडिकेटर लाइट एवं हेलमेट का उपयोग एवं नारंगी रंग का चेतावनी स्टीकर लगायें, जिससे घने कोहरे में वाहनों के मध्य उचित दूरी बनी रहे तथा दुर्घटना न हो पायें। किसानों से विशेष अनुरोध है कि ठंड/पाला से बचाव हेतु कृषि कार्य दिन में ही पूर्ण करना सुनिश्चित करें। फ्लू बहती नाक या नाक से खून बहने जैसी विभिन्न बीमारिया ठंड से लंबे समय तक रहने के कारण बढ़ जाती है। ऐसे लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह लें। अपने आप को सूखा रखें। यदि गीले है, तो अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढक लें क्योंकि अधिकांश सर्दी का नुकसान शरीर के इन हिस्सों से होता है। शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए ताजा भोजन करें। पर्याप्त प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाए। नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ पिएं, क्योकि इससे सर्दी से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। पशुओं को ठंड से बचाये एवं निमोनिया, डायरिया, खुरपका व मुंहपका इत्यादि से बचाव के लिये टीकाकरण अवश्य कराये।
अपर जिलाधिकारी वि0रा0 ने ठंड/पाला/घने कोहरे से बचाव हेतु क्या न करें के बारे में बताया है कि रात्रि में बंद कमरे में परिवार के साथ अंगीठी जलाकर ना सोये। बंद कमरें में अंगीठी जलानें से जहरीली गैस बनने तथा दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। खुले आकाश के नीचे ना सोयें। बच्चो को जलते हुये अलाव के पास अकेला न छोड़े व आग को पानी डालकर अवश्य बुझाये। घर में पानी गर्म करते समय भी बच्चे का विशेष ध्यान रखें। कोहरे में वाहन तेजी से न चलाये।

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