सोनभद्र में घोरावल का जुड़िया गांव डायरिया के प्रकोप से प्रभावित – तीन की मौत, 18 बीमार गम्भीरता देख सी डीओ, सी एम ओ मौके पर पहुंचे
सोनभद्र,घोरावल क्षेत्र के जुड़िया गांव में डायरिया फैलने से तीन लोगों की मौत हो गयी, वहीं 18 लोग बीमार हो गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जुड़िया गांव में लगातार उल्टी दस्त के कारण बबनी 60 वर्ष पत्नी नखडू की बुधवार की सुबह चार बजे मौत हो गई। गांव की वंदना पत्नी बृजलाल 21 वर्ष की उसी दिन 8 बजे उल्टी दस्त के कारण मौत हो गई। इसी तरह गांव की नैना पुत्री दुलारे 10 वर्ष की बुधवार की शाम 4 बजे उल्टी दस्त के कारण मौत हो गई जिसके बाद गांव में कोहराम मच गया। घटनाओं की सूचना शाम 5 बजे के लगभग घोरावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग की टीम अधीक्षक नरेंद्र सरोज के नेतृत्व में गांव पहुंचकर डायरिया पीडितों के उपचार में जुट गए। संदीप (10) पुत्र केवल, देवी (22) पत्नी सुरेंद्र, बुधनी (68) पत्नी फग्गू, सुनीता (26) पत्नी अमर, सपना (9) पुत्री रामप्यारे, ऊषा (15) पुत्री भोला, सुनील (13) पुत्र दुलारे, पूजा (14) पुत्री विश्राम, फागू (60) पुत्र रती, प्रदीप (8) पुत्र केवल, देवीचरण (40) पुत्र जुने, शांति (48) पत्नी वंशधारी, अंशिका (10) पुत्री विनोद, कृष्णा (14) पुत्र विनोद, वर्षा (6) पुत्री देवीचरण, जुगनू कुमार (8) पुत्र देवीचरण, मीना (16) पुत्री तौलन, शबनम (14) पुत्री नरेश, विकास (12) पुत्र राजू का स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उपचार किया गया। मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ नरेंद्र सरोज ने बताया कि सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में ही कैंप कर रही है। उन्हें आवश्यक दवाओं का वितरण किया गया है। जो मरीज़ सीरियस हैं उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। गांव के लोगों को उबला हुआ पानी और ताजा भोजन करने की सलाह दी गई है।
दूसरे दिन डायरिया के छह नए मरीज मिले। इनमें से तीन की स्थिति गम्भीर होने के कारण उन्हे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल में भर्ती कराया गया। जहां दो को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। नये मरीजाें में वरुण (8), पायल (2), अनीता ( छह माह), विकास (10) और प्रमिला (30) शामिल हैं। इनमें से वरुण और पायल को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अमृत तालाब के पास स्थित हैंडपंप के आसपास कई गड्ढे हैं जिसमें गंदा पानी भरा हुआ है। जिसका रिसाव हैंडपंप में होने से दूषित पानी पीकर गांव के लोग बीमार पड़ने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीड़ितों का उपचार करने के साथ-साथ ग्रामीणों से अंधविश्वास में न पड़ने की हिदायत भी दी गई।
स्थितियों की गम्भीरता को देख कर सीडीओ व सीएमओ ने गांव का दौरा कर स्थितियों का जायजा लिया। डायरिया प्रभावित गांव जुड़िया में सीएमओ डा. अश्वनी कुमार के साथ नोडल डा. प्रेमनाथ, डिप्टी सीएमओ डा. सुमन कुमार ने भी दौरा किया। जहां मौत के कारण को जाना – समझा और स्वास्थ्य कैंप का निरीक्षण किया। सीडीओ सौरभ गंगवार, डीपीआरओ विशाल सिंह, बीडीओ रमेश यादव ने डायरिया प्रभावित जुड़िया गांव पहुंच कर वहाँ की गम्भीरता को महसूस किया । सीडीओ ने अमृत तालाब व नालियों की बदहाल स्थिति को देखकर संबंधितों को जमकर फटकार लगाई। डीपीआरओ को निर्देश दिया कि हैंडपंप के पास बने गड्ढे से गंदा पानी निकलवाकर आस-पास साफ सफाई कराई जाए।
वहीं घोरावल के एक और गांव मसी पठान में भी तीन दर्जन लोग प्रभावित हैं, इसी ब्लॉक के मसी पठान गांव में डायरिया ने पांव पसार लिया। गांव में दो दिन के भीतर करीब तीन दर्जन से अधिक लोग डायरिया से प्रभावित हो चुके हैं। यहां भी डायरिया का मुख्य कारण दूषित पेयजल बताया जा रहा है। इस गांंव के तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।
डायरिया के और स्थानों पर पांव पसारने के बावजूद पता चला है कि जनपद के दुद्धी अस्पताल में उल्टी-दस्त की दवाएं प्रचुरता से उपलब्ध नहीं है जबकि दुद्धी क्षेत्र के कई गांव में लोग डायरिया से प्रभावित हो रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में डायरिया व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की भरमार है। चिकित्सक डोमपेरीडोन व डाईसाइक्लोमीन टेबलेट लिख रहे हैं। मगर वो अस्पताल में भरपूर उपलब्ध नहीं है। भर्ती मरीजों को चढ़ाए जाने वाली बोतल के लिए आईवी सेट भी अस्पताल में जरूरत के अनुसार उपलब्ध नहीं है। कई महत्वपूर्ण दवाइयां सीएचसी के औषधि भंडारण केंद्र में न होने से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
रवीन्द्र केसरी सोनभद्र