सोनभद्र में दो एडीओ पंचायत, कार्य में लापरवाही और विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती बरतने के आरोप में निलंबित
सोनभद्र, जनपद के विकास कार्यों में लापरवाही और विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती बरतने के आरोप में विकास खंड नगवां और चतरा के प्रभारी एडीओ पंचायत को डीपीआरओ विशाल सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए दोनों को संबंधित ब्लाक कार्यालय से ही संबंद्ध किया गया है।दोनों एडीओ पंचायतों पर लगे आरोपों की जाँच एडीपीआरओ (टेक्निकल) को सौंपी गई है। डीपीआरओ की इस कार्यवाही से पंचायत विभाग सहित चतरा व नगवाँ विकास खंड में हडकंप के साथ-साथ चर्चे शुरु हो गए हैं।
इस संबंध में डीपीआरओ विशाल सिंह ने बताया कि नगवां ब्लाक में तैनात चंद्रदेव पांडेय के विरुद्ध दिव्यांग शौचालय, व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में सुस्ती, पनिकप खुर्द, सरईगढ़ सहित अन्य कुछ अन्य ग्राम पंचायतों में आए धन से कार्य कराने में उदासीनता, मनरेगा, जन जीवन मिशन, बाल विकास विभाग से जुड़े कार्यों के क्रियान्वयन में लापरवाही पाई गई है। इसके आधार पर ग्राम पंचायत अधिकारी चंद्र देव पांडेय को निलंबित करते हुए नगवां ब्लाक कार्यालय से संबद्ध किया गया है। वहीं चतरा ब्लाॅक में तैनात प्रभारी एडीओ पंचायत अब्दुल रहमान ने ब्लाक के परिषदीय विद्यालयों में 124 के सापेक्ष मात्र आठ दिव्यांग शौचालय का निर्माण कराया। बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में कायाकल्प हेतु निर्धारित 19 बिंदुओं में महत्वपूर्ण बिंदू दिव्यांग शौचालय है। इस बारे में उच्चाधिकारियों की ओर से लगातार निर्देश दिए जाते रहे हैं। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए लाभार्थियों के चयन, वेबसाइट पर फीडिंग, विद्यालयों के शौचालयों की मरम्मत में लापरवाही पर दिए गए नोटिस का उनके द्वारा समुचित जवाब भी नहीं दिया गया। यहीं नहीं मांची गांव में बिना टेंडर एक लाख रुपये से अधिक का सामग्री खरीदा गया। इस पर भी संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। कई अन्य आरोपों की प्रारंभिक जांच में लापरवाही उजागर होने पर अब्दुल रहमान को भी निलंबित करते हुए चतरा ब्लॉक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। दोनों मामलों में एडीपीआरओ (टेक्निकल) को जांच अधिकारी नामित करते हुए निर्देशित किया गया है कि संबंधित कर्मचारियों को आरोप पत्र निर्गत करते हुए जांच कार्रवाई पूर्ण कर जांच आख्या शीघ्र उपलब्ध कराएं।
रवीन्द्र केसरी सोनभद्र