हर दिन के साथ रिकॉर्ड तोड़ रहा संक्रमण, सभी के लिए खतरा बरकरार, जानिए आप कितने है सुरक्षित?
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के रोजाना बढ़ते मामले अब चिंता बढ़ा रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में काफी तेजी से संक्रमण के केस बढ़ते हुए रिपोर्ट किए गए हैं। शनिवार को छह महीने में पहली बार संक्रमण के आंकड़े 3800 के ऊपर देखे गए, यह ट्रेंड रविवार को भी जारी रहा। देश में बढ़ रहे कोरोना के ज्यादातर केस के लिए ओमिक्रॉन के XBB.1.16 सब-वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है जिसे अध्ययनकर्ताओं ने काफी अधिक संक्रामकता दर वाला पाया है।
ओमिक्रॉन के अन्य वैरिंट्स की तुलना में इसमें एक अतिरिक्त म्यूटेशन है जो इसकी संक्रामकता और प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता को काफी बढ़ा देता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डेल्टा वैरिएंट्स से तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ओमिक्रॉन वैरिएंट्स इसलिए भी चिंताकारक हैं क्योंकि इससे उन लोगों में भी खतरा बना हुआ है जिनका टीकाकरण हो चुका है। इसलिए फिलहाल इस वैरिएंट से किसी को भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। सभी लोगों को लगातार बचाव के उपाय करते रहने की जरूरत है।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के कारण बूस्टर डोज ले चुके लोगों को भी संक्रमित पाया गया है। हालांकि वैक्सीनेशन की अतिरिक्त सुरक्षा के कारण ऐसे लोगों में गंभीर रोग विकसित होता नहीं देखा गया है। बूस्टर शॉट ले चुके लोगों को अगर संक्रमण हो भी जाता है तो या तो उनमें एसिम्टोमेटिक या फिर हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। ज्यादातर लोग आसानी से घर पर रहकर ठीक भी हो जा रहे हैं।
डॉक्टर्स कहते हैं, भारत में संक्रमण के मामले जरूर बढ़ रहे हैं, पर ज्यादातर लोगों में इसके कारण हल्के लक्षणों का ही निदान किया जा रहा है। देश में वैक्सीनेशन की दर अच्छी रही है और अधिकतर लोग बूस्टर डोज भी ले चुके हैं। ऐसे में फिलहाल गंभीर रोगों के खतरा सिर्फ उन्हीं लोगों को है जिनका या तो वैक्सीनेशन नहीं हुआ है या फिर कोमोरबिडिटी और कमजोर इम्युनिटी के शिकार हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भले ही कोरोना के कारण गंभीर रोगों का खतरा कम है पर इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि संक्रमण के मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं। भले ही आपका वैक्सीनेशन-बूस्टर टीकाकरण हो गया है फिर भी संक्रमण से बचाव के लिए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहें। ऐसा करके आप परिवार में बुजुर्ग और कोमोरिबिड लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। सभी लोगों को निरंतर और गंभीरता से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की स्वच्छता का ख्याल रखने की आवश्यकता है।