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200 साल पुराने इस हनुमान मंदिर से कोई नहीं लौटा खाली हाथ, ऐसे पूरी होती है हर मुराद

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को संकटमोचक कहा गया है क्‍योंकि राम भक्‍त हनुमान सारे संकटों को हरने वाले हैं. साथ ही सारी मुरादें पूरी करने वाले हैं. कहा गया है कि कलयुग में जो भी हनुमान जी के सामने अपनी अर्जी लगाता है, वो कभी खाली नहीं जाती है. हनुमान जी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आज हनुमान जन्‍मोत्‍सव के मौके पर हम मध्‍य प्रदेश के एक ऐसे प्राचीन मंदिर की बात करेंगे जो 200 साल पुराना है. 200 साल पुराने इस दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कोई भी भक्‍त यहां से खाली हाथ नहीं लौटता है. यह मशहूर हनुमान मंदिर बैतूल जिले के टिकारी में है.

बैतूल के टिकारी के इस हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह सिद्ध मंदिर है और बजरंगबली के दर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता. यहां आने वाले भक्‍त अपनी तमाम परेशानियां भोज पत्र, पीपल के पत्ते या फिर अकाव के पत्तों पर लिखकर हनुमान जी के सामने अर्जी लगाते हैं. पूरे भक्ति भाव से हनुमान जी के सामने लगाई गई अर्जी खाली नहीं जाती है और भक्‍त की मुराद पूरी होती है.

जमींदार द्वारा बनवाए गए इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि इस हनुमान मंदिर में हर सुबह हनुमान जी के दर्शन सबसे पहले शनि देव करते हैं. दरअसल, मंदिर के मुख्य द्वार के सामने एक शमी का वृक्ष है. माना जाता है कि शमी के वृक्ष में भगवान शनि का वास होता है. इसलिए सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं, तब हनुमान जी के प्रथम दर्शन भगवान शनि करते हैं. ऐसा माना जाता है कि, यहां हनुमान जी के दर्शन करने मात्र से लोग भगवान शनि के प्रकोप तक खत्म हो जाता है. दशकों से इस मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को भक्‍तों का तांता लगता आ रहा है.

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